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IT के नए नियम से कंपनियों की बढ़ जाएगी टैक्स देनदारी, सीबीडीटी ने जारी की नई अधिसूचना

आयकर विभाग के नए नियमों के तहत उन कंपनियों की टैक्स देनदारी बढ़ जाएगी, जिनका हाल के वर्षों में अधिग्रहण या विलय किया गया है. वित्त अधिनियम 2021 के तहत यह संशोधित किया गया था कि साख को अब अमूर्त संपत्ति नहीं समझा जाएगा और अप्रैल 2020 से साख में गिरावट का फायदा नहीं मिलेगा.

New IT Rules : आयकर विभाग के नए नियमों की वजह से अभी हाल के वर्षों में अधिग्रहण या विलय करने वाली कंपनियों की टैक्स देनदारी बढ़ने की संभावना है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (एसटीसीजी) और हासिल मूल्य (डब्ल्यूडीवी) की गणना के लिए नए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है. सीबीडीटी के अनुसार, आयकर के ये नए नियम वहां प्रभावित होंगे, जहां साख में गिरावट दर्ज की गई हो.

आयकर विभाग के नए नियमों के तहत उन कंपनियों की टैक्स देनदारी बढ़ जाएगी, जिनका हाल के वर्षों में अधिग्रहण या विलय किया गया है. वित्त अधिनियम 2021 के तहत यह संशोधित किया गया था कि साख को अब अमूर्त संपत्ति नहीं समझा जाएगा और अप्रैल 2020 से साख में गिरावट का फायदा नहीं मिलेगा.

अमूर्त संपत्तियां ऐसी होती हैं, जिसे छू नहीं सकते यानी उनका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता है. इसके लिए आयकर अधिनियम-1961 में संशोधन किया गया, ताकि साख को 1 अप्रैल 2020 से ब्लॉक ऑफ एसेट से हटाया जा सके और जो वैल्यू घटाई गई है, उसे साख की लागत मानी जाएगी.

आईटीआर दाखिल करने से पहले चुकाना होगा टैक्स

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, फार्मा, लाइफ साइंसेज, आईपीओ के लिए लाइन में लगे स्टार्टअप्स जैसे सेक्टर द्वारा पिछले पांच वर्षों में किए गए ट्रांजेक्शंस पर इस संशोधन के तहत प्रभाव पड़ेगा और उन्हें इसके वित्तीय प्रभाव का सावधानी से आकलन करना होगा.

खबर के अनुसार, जो कंपनियां अप्रैल 2020 तक साख यानी गुडविल को काफी हद तक डेप्रिशिएट नहीं किया गया है, उन्हें तुरंत टैक्स के प्रभाव का आकलन करना चाहिए. इस प्रकार के कॉरपोरेट्स पर यह प्रभाव पड़ेगा कि उन्हें एसटीसीजी टैक्स का आकलन करना है और इसे वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर फाइल करने से पहले इसे चुकता करना होगा. इस नए बदलाव के तहत पड़ने वाले वित्तीय असर का सभी कंपनियों को आकलन कर लेना चाहिए.

कुछ सालों में तेजी से बढ़े विलय-अधिग्रहण के सौदे

नए प्रावधानों के तहत एक नया नियम 8एसी लाया गया है, जिसके तहत आकलन करने के लिए एक तंत्र विकसित किया गया है. सीबीडीटी की अधिसूचना के अनुसार, 1 अप्रैल 2020 को जहां ब्लॉक से हटाए गए नेट गुडविल की वैल्यू शुरुआती हासिल मूल्य से अधिक है, तो यह जितनी अधिक है, उसे एसटीसीजी मानकर टैक्स की गणना होगी.

हालांकि, जहां ब्लॉक में सिर्फ साख ही संपत्ति हैं, वहां कोई असर नहीं पड़ेगा. पिछले कुछ वर्षों में रिकॉर्ड संख्या में भारतीयों कंपनियों का विलय और अधिग्रहण हुआ है और भारतीय यूनीकॉर्न्स ने इन सौदों में बहुत अधिक गुडविल वैल्यू को जोड़ा है.

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Posted by : Vishwat Sen

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