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Candy Review: मनोरंजन का स्वाद देती है ये ‘कैंडी’

बीते साल वेब सीरीज अनदेखी के लिए वाहवाही बटोर चुके निर्देशक आशीष आर शुक्ला इस बार लोककथा और आधुनिक अपराध की कहानी के मेल से बनी सस्पेंस थ्रिलर सीरीज कैंडी लेकर आए हैं. जिसमें राजनीति महत्वकांक्षा, ड्रग्स का कारोबार, सीरियल मर्डर्स हैं.

  • वेब सीरीज– कैंडी

  • निर्देशक– आशीष आर शुक्ला

  • कलाकार– रोनित रॉय,ऋचा चड्ढा, मनु ऋषि नकुल,गोपाल दत्त तिवारी, रिद्धि कुमार और अन्य

  • रेटिंग -तीन

  • प्लेटफार्म– वूट सिलेक्ट

बीते साल वेब सीरीज अनदेखी के लिए वाहवाही बटोर चुके निर्देशक आशीष आर शुक्ला इस बार लोककथा और आधुनिक अपराध की कहानी के मेल से बनी सस्पेंस थ्रिलर सीरीज कैंडी लेकर आए हैं. जिसमें राजनीति महत्वकांक्षा, ड्रग्स का कारोबार, सीरियल मर्डर्स हैं.

सीरीज की कहानी को उत्तराखंड के काल्पनिक शहर रुद्रकुण्ड में स्थापित किया है. इस जगह पर भ्रष्ट राजनेता भैयाजी ( मनु ऋषि)की हुकूमत चलती है.

उसकी एक जेब में पुलिस है तो दूसरी में बाकी महकमें. भैयाजी का बेटा वायु (नकुल रोशन सहदेव) रुद्रकुंड का पाब्लो एस्कोबार हैं मतलब वह वहां पर ड्रग की फैक्ट्री चला रहा है. जिसमें रुद्रकुण्ड के स्कूल के बच्चों की ज़िंदगी तबाह हो रही है. यह सब चल ही रहा होता है कि रुद्रकुण्ड में एक छात्र ( मेहुल) की हत्या हो जाती है. जिसके लिए जिम्मेदार किवदंती के एक राक्षस मसान को ठहराया जाता है.

क्या मसान कल्पना की उपज है या ड्रग्स वाली कैंडी के मस्तिष्क पर प्रभाव का परिणाम ? या फिर ये राक्षस भैयाजी की देन है, जो रुद्रकुण्ड में अपने नियंत्रण बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है? या फिर मामला कुछ और है ।इस सीरीज में हर किरदार की एक बैक स्टोरी है. जिस वजह से शक सभी पर जाता है शायद यही एक सस्पेंस थ्रिलर शो की कामयाबी भी होती है. कहानी की शुरुआत धीमी गति से होती है लेकिन उत्सुकता कम नहीं होती है. यह आपको उलझाए रखती है कि हत्यारा कौन है. 8 एपिसोड वाली इस सीरीज के आखिर के दो एपिसोड उम्दा बनें हैं. जो आपको रोमांच को बढ़ा देते हैं.

सीरीज में खामियां भी हैं. ज़रूरत से ज़्यादा फ्लैशबैक स्टोरीज का इस्तेमाल किया गया है. स्कूल के छात्र इस सीरीज की कहानी का अहम हिस्सा है लेकिन उनके स्कूल लाइफ की कहानी में पूरी तरह से अनदेखी हुई है. कैंडी जिस मोड़ पर खत्म हुई है उसका दरवाजा भी सीक्वल पर खुलता है.

अभिनय की बात करें तो हमेशा की तरह रिचा चड्ढा ने स्वभाविक एक्टिंग से अपने किरदार को रियल टच दिया है. वे डीएसपी स्तर की पुलिस अधिकारी हैं लेकिन वे चित परिचित डीएसपी पुलिस बन चुकी हीरोइनों से बिल्कुल अलग हैं. रोनित रॉय ने भी कमाल की एक्टिंग है. नकुल सहदेव ने अपने बॉडी लैंग्वेज, संवाद अदायगी से वायु राणावत के किरदार को बखूबी जिया है मनु ऋषि आखिर के दो एपिसोड में उभरते हैं तो गोपाल दत्त तिवारी ,रिद्धि कुमार का भी काम बढ़िया है.

कुल मिलाकर यह कहना गलत ना होगा कि इस सीरीज में सभी ने अच्छी एक्टिंग की है।इस सीरीज में लोकेशन भी एक महत्वपूर्ण किरदार है।सड़कें, पहाड़िया, जमी झीलें ,जंगल कहीं ना कहीं कहानी के रहस्य को गहराने के साथ साथ उन्हें एक खूबसूरती भी देते हैं. संगीत पक्ष कहानी के साथ न्याय करता है. कुल मिलाकर यह कैंडी मनोरंजन का स्वाद देती है।अगर आप क्राइम थ्रिलर सीरीज के शौकीन है तो यह सीरीज आपको एंगेज और एंटरटेन करेगी.

Posted By: Shaurya Punj

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