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Good News: जेम पर 24 हजार करोड़ की खरीददारी कर यूपी देश में सबसे आगे, जानें कैसे हासिल हुई यह उपलब्धि?

यह देश की पूरी जेम (जीईएम) खरीद का दस प्रतिशत से अधिक है. GEM की शुरुआत से अब तक प्रदेश में सरकारी कार्यालयों ने 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी इस पोर्टल के माध्यम से की. इसके बूते जेम के जरिए खरीद के मामले में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है. यह कहना है जेम पोर्टल के जीएम अनुराग अवस्थी का.

Varanasi News: जेम (गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस) पोर्टल के जरिए केंद्र व उतर प्रदेश सरकार ने अपने विभिन्न उपक्रमों व विभागों में पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 11274 करोड़ रुपये की खरीददारी की. यह देश की पूरी जेम (जीईएम) खरीद का दस प्रतिशत से अधिक है. जीईएम की शुरुआत से अब तक प्रदेश में सरकारी कार्यालयों ने 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक की खरीदारी इस पोर्टल के माध्यम से की. इसके बूते जेम के जरिए खरीद के मामले में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है. यह कहना है जेम पोर्टल के जीएम अनुराग अवस्थी का.

उन्होंने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार ने अपने विभागों में होने वाली खरीद में व्यापक पारदर्शिता तथा प्रतियोगी भाव लाने के लिए जीईएम पोर्टल से सामान एवं सेवाओं की खरीददारी की अनिवार्यता की है. अवस्थी शुक्रवार को बुनकर सेवा केंद्र में जीईएम पोर्टल के विक्रेता संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान लघु व मध्यम श्रेणी के विक्रेताओं ने जेम पोर्टल से जुड़ने के बाद व्यापार में हुई वृद्धि की चर्चा भी की.

जीईएम पोर्टल के वाराणसी प्रभारी नीरक निकुंज ने प्रजेंटेशन के दौरान बताया कि उतर प्रदेश के लगभग 14 हजार क्रेता पंजीकृत हैं तथा 4.28 लाख  से अधिक विक्रेता अपने उत्पाद व सेवाएं इस पोर्टल पर उपलब्ध करा रहे हैं. प्रदेश के 79 हजार से अधिक  सूक्ष्म व लघु उद्योग विक्रेता जेम पोर्टल से जुड़े हैं. इसमें महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के  उद्यमियों की संख्या काफी है. पत्र सूचना कार्यालय (वाराणसी) के मीडिया एवं संचार अधिकारी प्रशांत कक्कड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप जीईएम के माध्यम से एकीकृत बाजार के महत्व तथा लाभों को रेखांकित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वाराणसी में बुनकर, हैंडीक्राफ्ट सहित अन्य लघु व मध्यम व्यापार से जुड़े व्यापारियों के लिए जीईएम पोर्टल महत्वपूर्ण प्लेटफार्म साबित हो सकता है.

बुनकर सेवा केंद्र के उपनिदेशक संदीप ठुबरीकर ने कहा कि जीईएम पोर्टल सार्वजनिक खरीद को फिर से परिभाषित करने के लिए जाना जाता है. साथ ही सरकारी खरीदारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए खरीद के तरीके में आमूल-चूल परिवर्तन लाने में सक्षम है. हस्तकला के सहायक निदेशक गोपेश कुमार मौर्य ने विक्रेताओं से जेम में गुणवत्ता बरकरार रखने के महत्व की चर्चा की. उन्होंने कहा कि जेम  कॉन्टैक्टलेस, पेपरलेस और कैशलेस के  तीन स्तंभों पर खड़ा है. दक्षता, पारदर्शिता और समावेशिता इसकी विशेषताएं हैं . जेम का उद्देश्य स्वदेशी उत्पादों, स्टार्टअप, छोटे उद्दमियों, एमएसएमई सेक्टर, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों और एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) को बढ़ावा देना है.

विक्रेताओं की कामयाबी की कहानी

  • लकड़ी के खिलौने के व्यापारी रामेश्वर सिंह  ने जीईएम से जुड़े  अनुभवों को साझा किया. कहा कि इसने व्यवसाय करने तथा आगे बढ़ने के लिए एक पारदर्शी तथा बाधा मुक्त मंच प्रदान किया है. जीईएम ने न केवल भ्रष्टाचार को खत्म करने के शानदार माध्यम के रूप में काम किया है बल्कि इसने बिचौलियों की प्रथा को भी खत्म कर दिया है.

  • सर्विस एंड सोल्युशन के  प्रणव अस्थाना ने कहा कि जीईएम में पिछले कुछ वर्षों के दौरान असीम वृद्धि हुई है. इस वृद्धि के साथ हमें लोगों को संवेदनशील बनाने तथा इसकी सेवा प्रदायगी में और अधिक सुधार लाने की आवश्यकता है.

  • मीनाकारी से जुड़े कुंज बिहारी ने कहा कि एक दौर ऐसा आया कि हमारे विधा की पहचान मिट रही थी. जीईएम की लांचिंग और प्रधानमंत्री के प्रयासों से लघु व मध्यम वर्ग के  व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है.

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