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UP News: अब जेल में रविवार को नहीं होगी बंदियों से मुलाकात, नए जेल मैनुअल में हुआ यह बदलाव

उत्तर प्रदेश कारागार नए जेल मैनुअल 2022 में निहित प्रावधानों के अनुसार कारागार में निरुद्ध बन्दियों की मुलाकात, जो पहले शनिवार के दिन बन्द रहती थी, अब रविवार के दिन बन्द रहेगी और रविवार को होने वाली मुलाकात अब शनिवार को होगी.

Aligarh News: जेल में बंद बंदियों से मुलाकात को लेकर नए जेल मैनुअल के अनुसार एक बहुत बड़ा बदलाव लागू कर दिया गया है. इसके तहत अब रविवार को जेल में बंधुओं से मुलाकात नहीं हो सकेगी. अब तक अन्य दिनों के साथ रविवार को भी बंदियों की परिजनों से जेल में मुलाकात रविवार को कराई जाती थी.

सोमवार से शनिवार तक होगी जेल में मुलाकात

अलीगढ़ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक बिजेंद्र यादव ने प्रभात खबर को बताया कि उत्तर प्रदेश कारागार नए जेल मैनुअल 2022 में निहित प्रावधानों के अनुसार कारागार में निरुद्ध बन्दियों की मुलाकात, जो पहले शनिवार के दिन बन्द रहती थी, अब रविवार के दिन बन्द रहेगी और रविवार को होने वाली मुलाकात अब शनिवार को होगी. सप्ताह में सोमवार से शनिवार तक बंदियों से मुलाकात कराई जाएगी और रविवार की कोई मुलाकात नहीं होगी.

ऐसे होती है बंदियों से मुलाकात

जेल में बंदियों से मुलाकात की एक प्रक्रिया होती है इसके बाद ही मुलाकात होती है. जो परिजन जेल में बंद बंदी से मिलना चाहते हैं, वह या तो https://eprisons.nic.in/public/MyVisitRegistration पर ऑनलाइन या कारागार पर उपस्थित रजिस्ट्रेशन कार्यालय में मुलाकात के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकता है. जिसके लिए आधार कार्ड, वर्तमान एक फोटो और कोविड-19 जांच का सर्टिफिकेट साथ ले जाना होगा. मिलने के लिए रजिस्ट्रेशन में मिलने वाले का नाम, पिता का नाम, पता, लिंग, आयु, रिश्ता, आईडी डिटेल, मेल आईडी, मोबाइल नंबर एंट्री किया जाता है. साथ ही जेल में जिस बंदी से मिलना है उसका नाम, पिता का नाम, आयु, लिंग, जेल का प्रदेश, जेल का जिला, मिलने की तारीख, मिलने वालों की संख्या, नाम एंट्री किया जाता है.

हर बंदी को एक जेल आईडी और बंदी आईडी दी जाती है, उसके अनुसार रिकॉर्ड चेक कर मुलाकात की पर्ची मुलाकात करने वालों को दे दी जाती है. एक सप्ताह में तीन दिन मुलाकात हो सकती है. सुबह 7 से 11 बजे तक मुलाकात की पर्ची दी जाती है. एक बार में एक बंदी से अधिकतम तीन लोग मिल सकते हैं.

मुलाकात से पहले मुलाकात करने वालों की लाइन बनवाई जाती है, जिसमें नंबर वाइज जेल के अंदर गेट पर एंट्री होती है. उस पर्ची को अंदर दिखाया जाता है. उस पर्ची पर डिप्टी जेलर और जेलर के हस्ताक्षर होते हैं, जिसके बाद मुलाकात करने वाले के हाथ पर एक मुहर लगाई जाती है. यह मोहर हर रोज अलग-अलग प्रकार की होती है.

मुलाकात करने व्यक्ति के वाले हाथ पर दो मुहर कुल लग जाती हैं. उसके बाद अंदर बंदी से मुलाकात कराई जाती है, लौटते समय जेल के गेट पर वे दोनों मुहर देखकर ही बाहर भेजा जाता है. जेल के अंदर किसी भी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल, सिम, कोई भी हथियार पर्स, गुटका आदि भी नहीं ले जा सकते. जेल में सीसीटीवी मैं सभी गतिविधियां रिकॉर्ड रहती हैं.

रिपोर्ट-चमन शर्मा, अलीगढ़

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