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झारखंड के इस जिले में मरे हुए लोगों पर पुलिस ने कर दिया FIR, जानें पूरा मामला

देवघर में सारठ पुलिस की कार्यशैली इन दिनों क्षेत्र में सुर्खियां बटोर रही हैं. पुलिस ने क्षेत्र के एक मामले से जुड़ी कार्रवाई में एक दशक से भी पहले मर गये लोगों पर FIR दर्ज किया है. मामला जरकाही बनझेटा गांव का है.

देवघर के सारठ पुलिस की कार्यशैली इन दिनों क्षेत्र में सुर्खियां बटोर रही हैं. पुलिस ने क्षेत्र के एक मामले से जुड़ी कार्रवाई में एक दशक से भी पहले मर गये लोगों पर एफआईआर दर्ज किया है. मामला जरकाही बनझेटा गांव का है. जहां सूफी जमाल नामक युवक की हत्या हुई थी. बेटे की हत्या के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर परिजनों के साथ ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया था. जिसके बाद पुलिस ने सभी पर प्राथमिकी दर्ज की थी.

परिजन व ग्रामीणों का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर आवाज उठायी और अब पुलिस हमें परेशान कर रही है. बताया कि सारठ पुलिस ने जिंदा के साथ मृत लोगों को भी नामजद आरोपी बना रखा है. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस प्रदर्शन करने वाले आरोपियों का पता पूछती है तो उन्हें कब्रिस्तान का पता बताना पड़ता है. क्योंकि कई का इंतकाल हो चुका है.

क्या है मामला :

सूफी जमाल की हत्या के बाद परिवार ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जिसमें सिराज अंसारी समेत चार आरोपी का नाम दिया था. पुलिस ने सिराज व अन्य को हिरासत में भी लिया था और दो दिन बाद छोड़ दिया. वहीं पुलिस ने जांच के बाद खुलासा किया कि मामले में किशोरी आरोपी है उसने हत्या की है. पुलिस ने किशोरी को गिरफ्तार भी किया और उसे बाल सुधार गृह भेज दिया है . लेकिन सूफी जमाल के परिजनों के मुताबिक पुलिस ने मामले का गलत उद्भेदन किया.

आरोपी सिराज समेत तीन अन्य है. पुलिस की कार्रवाई से नाखुश परिजनों ने थाना के सामने प्रदर्शन किया. इसके बाद 11 सितंबर को परिजनों ने सड़क जाम किया. मामले में एएसआई अरबिंद कुमार ने 29 नामजद सहित 50 अज्ञात पर सड़क जाम कर आवागमन बाधित करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की. पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी में ऐसे लोगों के भी नाम दिये जिनका निधन हो चुका है और दूसरे राज्यों में रहते हैं. वहीं मामले में 10 अक्तूबर को आरोपी सिराज ने सरेंडर कर दिया और जेल में है. लेकिन तीन आरोपी अब भी फरार हैं.

दूसरे राज्यों में रहने वाले लोगों पर भी प्राथमिकी

प्राथमिकी में नंबर आठ पर नसीम मियां, पिता रसूल मियां का नाम दर्ज है व प्राथमिकी में नंबर 21 पर गोद्दू मियां का नाम दर्ज है, जबकि नशीम मियां उर्फ गोद्दू मियां उर्फ निजामुद्दीन मियां एक ही व्यक्ति है जिनकी मृत्यु एक जुलाई 2022 को हो चुकी है. वही 23 नंबर पर रजन मियां का नाम दर्ज है, रजन मियां का नाम रियाज मियां भी है जिनकी मृत्यु आज से 12 वर्ष पूर्व 31 जनवरी 2012 को हो चुकी है. पुलिस ने आर बीजेपी इंटर विद्यालय बमनगामा में 11 में पढ़ने वाली नाबालिक छात्रा साहिना खातून को भी आरोपी बनाया है.

मामला दर्ज होने के बाद व अब पढ़ने नहीं जाती. दर्ज नामों में याकूब मियां व उसकी पत्नी भी आरोपी है जबकि वे लोग वर्षो से चितरंजन में रहते है. वहीं अब्दुल कुदुस हैदराबाद में व कुतुब अंसारी आरा में रहता जिनके नाम भी आरोपी के तौर पर दर्ज हैं. पूर्व वार्ड सदस्य रहमूल अंसारी ने बताया कि पुलिस न्याय मांगने पर किस प्रकार तंग तबाह करती है, यह घटना देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है.

बेटा गया, अब पुलिस परेशान कर रही है : नूर बानू बीबी

नूर बानो बीबी सारठ ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. कहा की बेटे सूफी जमाल कि हत्या को लेकर पति ने मामला दर्ज कराया. सिराज समेत तीन अन्य को आरोपी बताया. आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर न्याय की मांग पर सड़क पर बैठे तो पुलिस ने चारों बेटे, नाबालिक बेटी, बहू, चाचा, चाची, चचेरा भाई सहित कुल 18 परिवार के सदस्य को ही आरोपी बनाकर परेशान कर रही है.

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