रांची: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर सोमवार को ईडी की टीम पहुंची. इस दौरान मुख्यमंत्री वहां मौजूद नहीं थे. झारखंड का प्रशासनिक महकमा अलर्ट मोड में है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई है. मुख्य सचिव ने आपात बैठक बुलाकर राज्य में सुरक्षा-व्यवस्था पर नजर बनाए रखने का निर्देश दिया है. रांची के सीएम आवास पर झामुमो विधायकों की बैठक बुलायी गयी है. मंत्री मिथिलेश ठाकुर, चंपई सोरेन, बैजनाथ राम व सीएम के प्रधान सचिव विनय चौबे सीएम आवास पहुंच गए हैं. झारखंड के सभी विधायकों को रांची बुलाया गया है. कांग्रेस विधायकों की बैठक तीन बजे से है. कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को रांची बुलाया है. रांची एसएसपी ने सभी थानेदारों को तलब किया है. इधर, मोरहाबादी में जेएमएम कार्यकर्ताओं का जुटान हो रहा है. बता दें कि जमीन घोटाले (Land Scam) से जुड़े मनी लाउंड्रिंग केस में ईडी ने हेमंत सोरेन को 10वां समन जारी कर कहा था कि 28 जनवरी तक बताएं कि 29 से 31 जनवरी के बीच कब आपसे पूछताछ की जा सकती है. सीएम आवास से एक चिट्ठी ईडी को भेजी गई, जिसमें कहा गया कि अभी हेमंत सोरेन व्यस्त हैं. बाद में समय देंगे. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कहा कि मुख्यमंत्री मार्च तक व्यस्त हैं. इस बीच, हेमंत सोरेन 27 जनवरी की रात को दिल्ली रवाना हो गए.
10वें समन का नहीं दिया था जवाब
जमीन घोटाला मामले में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने 10वां समन भेजकर यह तय करने को कहा था कि 29 से 31 जनवरी के बीच कब पूछताछ की जाए. निर्धारित समय (28 जनवरी) पर जवाब नहीं देने पर सोमवार 29 जनवरी को ईडी की टीम सीएम हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर पहुंच गयी. आपको बता दें कि 10वां समन भेजकर पहले की तरह ही ईडी ने फिर लिखा था कि अगर वह बयान दर्ज कराने नहीं आएंगे, तो ईडी खुद उनके पास पहुंचेगी. इससे पहले 22 जनवरी को ईडी ने नौवां समन भेजकर सीएम को पूछताछ के लिए 27 से 31 जनवरी का समय दिया था. 25 जनवरी को सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को पत्र लिखकर 9वें समन का जवाब दिया था. 9वें समन के बाद ईडी को भेजी चिट्ठी में सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी व्यस्तता का हवाला दिया और कहा कि वह इस समन का जवाब बाद में देंगे. इधर, ईडी ने 27 जनवरी को मुख्यमंत्री को 10वां समन भेज दिया था.
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दूसरा समन : 19 अगस्त को भेजा गया , 24 अगस्त को हाजिर होने का था निर्देश
तीसरा समन : 1 सितंबर को भेजा गया, 9 सितंबर को हाजिर होने का था निर्देश
चौथा समन : 17 सितंबर को भेजा गया, 23 सितंबर को हाजिर होने का था निर्देश
पांचवां समन : 26 सितंबर को भेजा गया, 4 अक्टूबर को हाजिर होने का था निर्देश
छठा समन : 11 दिसंबर को भेजा गया, 12 दिसंबर को हाजिर होने का है निर्देश
सातवां समन : 29 दिसंबर को भेजा गया, पूछताछ के लिए समय और जगह खुद तय करने को कहा
आठवां समन : 13 जनवरी को भेजा गया, 16-20 जनवरी तक बयान दर्ज कराने का समय दिया गया. 20 जनवरी को सीएम से पहली बार पूछताछ हुई.
नौवां समन : 25 जनवरी को भेजा गया, पूछताछ के लिए 27 से 31 जनवरी का समय
दसवां समन : 27 जनवरी को भेजा गया. बयान दर्ज कराने के लिए 29-31 जनवरी तक का समय निर्धारित करने को कहा. कहा कि 28 जनवरी तक बता दें. हेमंत सोरेन ने व्यस्तता का हवाला देते हुए कहा कि बाद में सूचित करेंगे. वहीं, जेएमएम ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास मार्च तक समय नहीं है. 27 जनवरी की रात को वह दिल्ली चले गए. 29 जनवरी की सुबह ईडी की टीम हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास और झारखंड भवन पहुंच गयी.
8वें समन पर 20 जनवरी को ईडी कर चुकी है पूछताछ
जमीन घोटाला मामले में ईडी, सीएम हेमंत सोरेन से एक बार पूछताछ कर चुकी है. ईडी के 8वें समन के बाद सीएम इस मामले में पहली बार पूछताछ के लिए राजी हुए थे. हालांकि, सीएम खुद ईडी ऑफिस में हाजिर नहीं हुए थे. सीएम ने बयान दर्ज कराने के लिए ईडी के अधिकारियों को सीएम आवास बुलाया था. ईडी की टीम ने हेमंत सोरेन की शर्तें मान ली और 20 जनवरी को पूछताछ के लिए सीएम आवास पहुंच गए. 20 जनवरी को ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन से करीब 7-8 घंटे तक पूछताछ की थी.
Also Read: झारखंड सीएम हेमंत सोरेन को ईडी का 10वां समन, फिर कहा- आप नहीं आएंगे, तो हम आएंगेईडी ने सीएम को पत्र लिखकर ये कहा था
ईडी की ओर से मुख्यमंत्री को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि इडी द्वारा बड़गाईं अचंल के राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप के मामले में दर्ज इसीआइआर (संख्या आरएनजेडओ/25/23) की जांच की जा रही है. यह इसीआइआर सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ और जालसाजी से संबंधित है. मामले की जांच के दौरान आपका बयान दर्ज करने के लिए छह समन भेजे गये, लेकिन आप एक बार भी ईडी कार्यालय में हाजिर नहीं हुए. इसके लिए आपने निराधार कारण बताये. समन के आलोक में आपके हाजिर नहीं होने की वजह से मामले की जांच में अड़चन पैदा हो रही है और जांच प्रभावित है.
Also Read: VIDEO: ईडी के खिलाफ रांची में झामुमो विरोध प्रदर्शन, सीएम हेमंत सोरेन को लगातार समन भेजने पर जताया आक्रोश23 अगस्त को ईडी के समन को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
सीएम हेमंत सोरेन ने जमीन खरीद-बिक्री मामले में ईडी द्वारा जारी समन के आलोक के पूछताछ के लिए हाजिर होने के बदले कानूनी रास्ता अपनाया था. उन्होंने दूसरे समन पर 24 अगस्त को ईडी ऑफिस में पेश होने की जगह 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर की थी. इसमें उन्होंने पीएमएलए 2002 की धारा 50 और धारा 63 को असंवैधानिक बताया था और केंद्रीय एजेंसी द्वारा उन्हें राजनीतिक कारणों से परेशान करने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री ने अदालत से गुहार लगाई थी कि वे इसमें हस्तक्षेप करते हुए समन को स्थगित करे या पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आदेश दे.
15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो सकी थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस और न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी की अदालत में 15 सितंबर को इस मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री के वकील की तबीयत खराब होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी थी. मुख्यमंत्री ने आवेदन दायर कर सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई टालने का अनुरोध किया था. उनके इस आग्रह को अदालत ने स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख 18 सितंबर तय की गयी थी. 18 सितंबर को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन को इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाने को कहा. इसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी.
22 सितंबर को हाईकोर्ट पहुंचे थे हेमंत सोरेन, दायर की याचिका
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में 22 सितंबर को याचिका दायर की थी. इसके साथ ही पत्र लिखकर ईडी को याचिका दायर करने की जानकारी दी और हाईकोर्ट का निर्देश आने तक इंतजार करने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री की ओर से दायर याचिका में पीएमएलए की धारा 50 और 63 को असंवैधानिक करार देने और उन्हें जारी किए गए सारे समन को निरस्त करने का अनुरोध किया गया है. ईडी ने जमीन खरीद बिक्री मामले में मुख्यमंत्री को चौथा समन भेज कर पूछताछ के लिए 23 सितंबर को रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में दी थी ईडी के समन को चुनौती
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उन्होंने ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट के सामने बात रखने की आजादी है. इसलिए उन्होंने अपनी मांग से संबंधित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है. याचिका में ईडी द्वारा जारी किए गए समन को दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीति से प्रेरित बताया गया है. इसके साथ ही चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के उद्देश्य से की गयी कार्रवाई बताया गया है. याचिका में पीएमएलए की धारा 50 और 63 को असंवैधानिक बताते हुए उसे निरस्त करने का अनुरोध किया गया है. इसके साथ ही उन्हें जारी किए गए सभी समन को निरस्त करने और न्यायालय के अगले आदेश तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया था.