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सुप्रीम कोर्ट से पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा की जमानत याचिका पर 23 जून तक सुनवाई टली

सुप्रीम कोर्ट ने मनरेगा घोटाले और मनी लाउंड्रिंग मामले में सस्पेंड आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा की अग्रिम जमानत याचिका को 23 जून तक के लिए टाल दी है. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की एक अवकाशकालीन पीठ ने उसे कोई अंतरिम संरक्षण देने से इनकार कर दिया.

Jharkhand News: सुप्रीम कोर्ट ने मनरेगा घोटाले में सस्पेंड आईएएएस अधिकारी पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई 23 जून तक के लिए टाल दी है. शुक्रवार 16 जून को जमानत याचिका को लेकर सुनवाई हुई. जिस पर न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की एक अवकाशकालीन पीठ ने अभिषेक झा को कोई अंतरिम संरक्षण देने से इनकार कर दिया.

कोर्ट का अंतरिम संरक्षण देने से इनकार

शुक्रवार को न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की एक अवकाशकालीन पीठ ने झा को कोई अंतरिम संरक्षण देने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर है और यह उचित होगा कि वह सरेंडर कर नियमित जमानत की मांग करें.

अभिषेक के वकील ने गंभीर बीमारियों से पीड़ित उनकी बेटी का दिया हवाला

अभिषेक झा की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह एक व्यवसायी हैं और अग्रिम जमानत की मांग कर रहे हैं क्योंकि उनकी बेटी गंभीर बीमारियों से पीड़ित है. वकील ने कहा कि इस अदालत ने उनकी पत्नी को बेटी की देखभाल के लिए दो बार अंतरिम जमानत दी है. इस पर कोर्ट ने वकील से कहा कि इन गतिविधियों में शामिल होने से पहले आपको यह सब सोचना चाहिए था. हम आपको इस तरह के मामले में अग्रिम जमानत देने के पक्ष में नहीं हैं.

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अभिषेक के वकील ने दी दलील

वकील ने दलील दी कि शीर्ष अदालत अग्रिम जमानत देने के पक्ष में नहीं है. इसलिए यह उचित होगा कि किसी वरिष्ठ अधिवक्ता को किसी अन्य पीठ के समक्ष इस मामले को रखने की अनुमति दी जाए. शीर्ष अदालत की पीठ आमतौर पर जूनियर वकीलों को प्रोत्साहित करने के लिए छुट्टियों के दौरान वरिष्ठ वकीलों की दलीलें नहीं सुनती हैं. इस पर पीठ ने कहा कि हम इस मामले को अगले सप्ताह के लिए टाल सकते हैं. आप अगली अवकाशकालीन पीठ से मौका ले सकते हैं, लेकिन फिलहाल हम आपको कोई राहत देने के इच्छुक नहीं हैं.

सुप्रीम कोर्ट से तीन और 10 जनवरी को पूजा सिंघल को दी थी अंतरिम जमानत

न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने कहा कि वह उस पीठ का हिस्सा थे जिसने पूजा सिंघल को अंतरिम जमानत दी थी और मामले के तथ्यों को जानते हैं. शीर्ष अदालत ने तीन जनवरी और 10 फरवरी को सिंघल को मनी लाउंड्रिंग मामले में उनकी बीमार बेटी की देखभाल के लिए अंतरिम जमानत दी थी.

झारखंड हाईकोर्ट ने अभिषेक झा की याचिका की थी खारिज

शीर्ष अदालत 12 जून को झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अभिषेक झा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी. हाईकोर्ट ने 18 मई को झा की याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें चार सप्ताह के भीतर अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा था.

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पूजा से शादी के अभिषेक के आर्थिक स्थिति में उछाल का दावा

अभियोजन पक्ष के अनुसार, सिंघल से शादी के बाद अभिषेक की आर्थिक स्थिति में उछाल आया और नकदी उनके बैंक खातों में आने लगी. अभियोजन पक्ष का दावा है कि यह रकम कथित तौर पर सिंघल के भ्रष्ट कार्यों से कमाई गयी आय का हिस्सा था. वहीं, अभिषेक झा की ओर से दावा किया गया कि यह पैसा ऑस्ट्रेलिया में नौकरी से उनकी वैध आय थी. बता दें कि अभिषेक झा की पत्नी 2000 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल 18.07 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन के कथित गबन मामले की मुख्य आरोपी हैं. उस वक्त वह खूंटी जिले की उपायुक्त थीं.

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