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पूर्वी सिंहभूम के 16 लोगों ने दी मौत को मात, लौटे दो मजदूरों ने कहा- तेज आवाज के बाद लगा झटका, बाहर झांका तो..

Odisha Train Accident- ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में पूर्वी सिंहभूम जिले के 16 लोगों ने मौत को मात देकर वापस लौट आये हैं. मौत इन्हें छुकर निकल गयी. लौट आये सभी लोग अभी भी दहशत में हैं.

पूर्वी सिंहभूम, मो. परवेज/ प्रकाश मित्रा : ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में बहरागोड़ा के छह ग्रामीणों को दूसरा जीवन मिला है. इनमें दो युवक (सोनू पोलाई और रवि देहुरी) को हल्की चोट आयी है. वहीं चार का इलाज बालेश्वर में इलाज चल रहा है. शनिवार को बहरागोड़ा पहुंचे सोनू और रवि ने हादसे का आंखों देखा हाल बताया, जिसे सुनकर आंखों में आंसू आ गये. दोनों ने बताया कि हम छह लोग मजदूरी करने कोरोमंडल एक्सप्रेस से चेन्नई जा रहे थे. हमारे पास वेटिंग टिकट थे. सीट नहीं मिलने पर हम जेनरल बोगी में सवार हो गये. हम लोग बालेश्वर स्टेशन पर ट्रेन में चढ़े. ट्रेन करीब तीन किमी आगे गयी कि अचानक जोर से आवाज हुई. हमने बाहर झांका तो बोगियां पलटते देख डर से बाहर कूद गये. हम कीचड़ में गिरे थे, तभी बोगी हमारे ऊपर पलट गयी. इसमें सोनू दबने से बाल-बाल बच गया. बहरागोड़ा प्रखंड के छह ग्रामीण मजदूरी के लिए पहली बार चेन्नई जा रहे थे.

‘भगवान का शुक्र है, हम बच गये’

सोनू और रवि ने बताया कि भगवान का शुक्र है, हम लोग बच गये. ट्रेनों में टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कुछ समय के लिए कान सुन्न हो गया था. कुछ देर बाद चारों तरफ चीख-पुकार सुनायी दे रही थी. कई यात्रियों की दबने से मौत हुई. पलटी बोगियों में काफी संख्या में यात्री फंसे थे. अंधेरे होने के कारण राहत कार्य में काफी परेशानी हो रही थी. स्थानीय लोग फोन की लाइट जला कर मदद कर रहे थे. झामुमो नेता आदित्य प्रधान सूचना पाकर घटना स्थल पर पहुंचे. गुरा पोलाई व रवि राउत बेहतर इलाज कराया. झारखंड सरकार के स्वास्थ्य सचिव को जानकारी दी.

सीएचसी में हुआ दोनों घायलों का इलाज

सूचना पाकर देर रात बहरागोड़ा से परिजन घटना स्थल पर पहुंचे. आंशिक रूप से घायल दो लोगों (रवि और सोनू) को बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. यहां दोनों को प्राथमिक इलाज कर छोड़ दिया गया. दोनों का एक्सरे कराया गया.

घटना में घायल बहरागोड़ा के मजदूर

  • सोनू पोलाई (19), उइनाला (बहरागोड़ा लौटे)

  • रवि देहुरी (20), उइनाला (बहरागोड़ा लौटे)

  • गुरा पोलाई (23), कुलडीहा (बालेश्वर में इलाजरत, गंभीर)

  • रवि राउत (32), मोहनपुर (बालेश्वर में इलाजरत, गंभीर)

  • संध्या कर्मकार (23), केवला (बालेश्वर में इलाजरत)

  • शुक्रराज कर्मकार (27), केवला (बालेश्वर में इलाजरत)

(नोट : संध्या और शुक्रराज पति-पत्नी हैं)

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सभी दोस्तों को बोगी से बाहर निकाला : रवि देहुरी

रवि देहुरी ने बताया कि इस दृश्य को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. घटनास्थल का मंजर देख हमारी रूह कांप रही थी. हमें समझ नहीं आ रहा था क्या हुआ है. हमने अपने साथियों को उठाया. रेलकर्मी व स्थानीय ग्रामीणों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया.

रेल दुर्घटना से बचकर लौटे चाकुलिया के छह युवक अब भी सदमे में

बालेश्वर रेल दुर्घटना में चाकुलिया के छह युवक बाल-बाल बच गये. कुछ को आंशिक चोट पहुंची है. पांच युवक चाकुलिया मुस्लिम बस्ती व एक युवक मालकुंडी पंचायत स्थित डोमरो का रहने वाला है. जाको राखे साईयां मार सके ना कोय… कहते हुए युवकों की आंखों में आंसू आ रहे थे. घटनास्थल का भयानक मंजर को याद कर युवकों के शरीर कांप रहे थे. इस सदमे से युवा अबतक उबर नहीं पाये हैं.

जनरल बोगी का शौचालय गंदा देख स्लीपर में गया संतोष सबर, तभी हादसा हो गया

चाकुलिया के डोमरो निवासी संतोष सबर छह महीना पहले मजदूरी के लिए बेंगलुरु गया. संतोष हाउसकीपिंग का काम करता था. गुरुवार को संतोष अपने घर के लिए बेंगलुरु से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस पर सवार होकर निकला. संतोष यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के जनरल बोगी पर सवार हुआ. उसकी बोगी पीछे से तीसरे नंबर पर थी. शुक्रवार की शाम बालासोर स्टेशन के समीप रेल दुर्घटना से ठीक 10 मिनट पहले संतोष शौच के लिए उठा. जनरल डिब्बे का शौचालय गंदा रहने पर स्लीपर कोच के शौचालय में चला गया.

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संतोष ने शौचालय का दरवाजा बंद ही किया था कि जोरदार आवाज हुई. वह शौचालय की दीवारों पर टकरा कर घायल हो गया. शौचालय में संतोष बेहोशी की हालत में पड़ा रहा. होश आने पर उसने दरवाजा खोलने की कोशिश की. दरवाजा लॉक हो चुका था. काफी जद्दोजहद के बाद दरवाजा खुला, तो संतोष ने पाया कि बोगी में कोई यात्री नहीं था. स्लीपर बोगी के पीछे की तीनों बोगियां पलटी हुई थी. किसी तरह से संतोष गिरते-पड़ते घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक दुकान के समीप पहुंचा. दुकानदार ने उसे पीने को पानी दिया. सिर पर बैंडेज लगाया. रातभर उसी हालत में पड़ा रहा. सुबह रेल प्रशासन ने एक पैसेंजर ट्रेन की व्यवस्था की. वह खड़गपुर स्टेशन पहुंचा. संतोष ने रात को घटना के बाद अपनी पत्नी को फोन पर इसकी जानकारी दी थी. इसके बाद परिजन शनिवार की सुबह निजी वाहन से खड़गपुर स्टेशन पहुंचे, जहां से उसे लेकर वापस लाया गया.

जोरदार आवाज हुई और हम सीट से गिर गये, अल्लाह ताला से दुआ मांगते हुए कलमा पढ़ने लगे

चाकुलिया मुस्लिम बस्ती के पांच युवक शेख शाहिद, मो शाहरुख, मोहर्रम अली और दो सगे भाई अरबाज अंसारी व मिराज अंसारी शुक्रवार की दोपहर चेन्नई जाने के लिए अपने घर से निकले. कोरोमंडल एक्सप्रेस की एस-2 बोगी में इनका रिजर्वेशन था. शाम लगभग 5:00 बजे खड़गपुर स्टेशन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार हुए. युवकों ने बताया कि वे चेन्नई में टाइल्स, मार्बल फिटिंग का काम करते हैं. 7:00 से 7:30 के बीच अचानक जोरदार आवाज हुई. सभी अपनी सीट से गिर पड़े. वे अपनी जान की रक्षा के लिए अल्लाह ताला से दुआ मांगने लगे और कलमा पढ़ने लगे. थोड़ी देर बाद पता चला कि भीषण रेल दुर्घटना हुई है. उनकी बोगी दुर्घटनाग्रस्त होकर मालगाड़ी के डिब्बे पर जा चुकी थी.

काफी मशक्कत के बाद पांचों डिब्बे से बाहर निकले. इसके बाद शेख शाहिद बिछड़ गया. मो शाहरुख ने घटना की जानकारी चाकुलिया अपने परिजनों को दी. इसके बाद परिजन चाकुलिया से एक एंबुलेंस और एक चार पहिया वाहन लेकर घटनास्थल पर पहुंच गये. शाहिद को छोड़ चारों युवक मिल गए. शाहिद ने बताया कि वह बोगी की खिड़की से बाहर निकला और मौत का मंजर देखकर सामने खेत में बेहोश होकर गिर पड़ा. होश आया तो अपने दोस्तों को ढूंढने लगा. घटनास्थल पर मौजूद एक व्यक्ति का मोबाइल लेकर उसने अपने मोबाइल पर फोन किया. शाहिद के मोबाइल का सिम शाहरुख ने अपने फोन पर लगा रखा था. इसके बाद पांचों की मुलाकात हुई. शनिवार की सुबह पांचों अपने घर वापस लौटे. मौत के मुंह से वापस लौटे पांचों युवकों का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया.

महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाला

युवकों ने कई बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाला शाहरूख ने बताया कि शाहिद से बिछड़ने कर हम चारों दोस्त बाहर निकलने का प्रयास कर रहे थे. चारों ओर चीख-पुकार मची थी. पैर, हाथ और सीने में चोट के बावजूद युवकों ने बोगी में फंसे कई बच्चे और महिलाओं को बाहर निकाला. मंजर इतना खतरनाक था कि वह ज्यादा देर तक घटनास्थल पर खड़े नहीं रह सके. वहां से निकल कर मुख्य सड़क के समीप पहुंच गए.

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