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सांसद संजय सेठ ने 2 फीसदी बाजार शुल्क को बताया काला कानून, सरकार से वापस लेने की मांग, बंद का किया समर्थन

कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक-2022 के तहत झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार द्वारा दो फीसदी शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया है. कारोबारी इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले को लेकर 8 फरवरी को बंद बुलाया है. सांसद संजय सेठ ने भी इनका समर्थन किया है.

Jharkhand News: रांची से बीजेपी सांसद संजय सेठ ने कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक-2022 के तहत राज्य सरकार द्वारा दो फीसदी शुल्क लगाने के निर्णय का विरोध करते हुए व्यापारियों के हित में इस काले कानून को वापस लेने की मांग की है. सांसद श्री सेठ ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने व्यापारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कृषि शुल्क हटा दिया था. इससे व्यापार में बढ़ोत्तरी हुई और कारोबार भी बढ़ा. वर्तमान सरकार ने फिर से 2% बाजार शुल्क लगाने का निर्णय किया है. इससे कारोबारियों के साथ-साथ आम लोगों को भी महंगाई झेलनी पड़ेगी.

व्यवसायियों के बंद का संजय सेठ ने किया समर्थन

कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक-2022 के तहत झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार द्वारा दो फीसदी शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया है. कारोबारी इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले को लेकर 8 फरवरी को बंद बुलाया है. सांसद संजय सेठ ने भी इनका समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि पहले की बीजेपी सरकार ने शुल्क हटा दिया था, ताकि कारोबारियों को व्यवसाय करने में दिक्कत नहीं हो, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार फिर से 2 फीसदी बाजार शुल्क लगा रही है. इसका व्यापारी विरोध कर रहे हैं.

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महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी

रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि बाजार शुल्क लगाने से किसानों, खाद्यान्न कारोबारियों के साथ-साथ ट्रेडर्स और आम जनों को महंगाई की मार झेलनी होगी. झारखंड में अधिकांश खाद्यान्न वस्तुएं बाहर से आती हैं. पहले ही उस पर टैक्स लगा होता है, फिर यहां आने पर 2% बाजार शुल्क देना होगा. इससे खाद्यान्न महंगी होगा और हर वर्ग के लोग प्रभावित होंगे. व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि आसपास के राज्यों में बाजार शुल्क नहीं लगता है. अफसरशाही हावी होंगे. कई भाजपा शासित राज्यों में लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बाजार शुल्क हटा दिया गया है. राज्य सरकार को भी राज्य कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक वापस लेना चाहिए. सांसद सेठ ने कहा कि वे व्यापारियों के साथ इस लड़ाई में खड़े हैं. उन्होंने व्यापारियों के 8 फरवरी के बंद का समर्थन किया है.

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