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Budget 2023 : बजट में बुजुर्गों के लिए आयकर में राहत और आमजन को जीएसटी में मिले छूट

एनजीओ ने कहा कि पुरानी और युवा पीढ़ी के बीच बढ़ता अंतर लंबे जीवनकाल के आलोक में वृद्ध लोगों की जीवनशैली में आए बदलाव के मद्देनजर बजट में उनके अनुकूल प्रावधान किए जाने चाहिए. फाउंडेशन ने बयान में कहा कि बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त लोगों को लगातार सक्रिय रखने के लिए उनके साथ जुड़ाव जरूरी है.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी. भारत के लोगों को सरकार से बजट में राहत, छूट, आयकर की सीमा में बढ़ोतरी समेत कई प्रकार की सुविधाएं मिलने की उम्मीद है. आम बजट से पहले कुछ गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने देश की बुजुर्ग आबादी की बेहतरी के लिए कदम उठाने के सुझाव दिए हैं. इनमें वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी, अतिरिक्त आयकर राहत और बड़ी उम्र के लोगों द्वारा बार-बार इस्तेमाल किए जाने वाले उत्पादों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की छूट के उपाय शामिल है.

वित्त मंत्रालय से सुझाव पर गौर करने की अपील

समाचार एजेंसी भाषा से बातचीत करते हुए एनजीओ एजवेल फाउंडेशन ने कहा कि पुरानी और युवा पीढ़ी के बीच बढ़ता अंतर लंबे जीवनकाल के आलोक में वृद्ध लोगों की जीवनशैली में आए बदलाव के मद्देनजर बजट में उनके अनुकूल प्रावधान किए जाने चाहिए. फाउंडेशन ने बयान में कहा कि बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त लोगों को लगातार सक्रिय रखने के लिए उनके साथ जुड़ाव जरूरी है. फाउंडेशन ने वित्त मंत्रालय और अन्य हितधारकों से अगले बजट को अंतिम रूप देते समय उसकी सिफारिशों तथा सुझावों पर गौर करने की अपील की है.

वृद्धावस्था पेंशन में संशोधन जरूरी

बयान में कहा गया है कि वृद्धावस्था पेंशन को मौजूदा मुद्रास्फीति के अनुसार संशोधित किया जाना चाहिए. बयान में कहा गया है कि मासिक वृद्धावस्था पेंशन में केंद्र सरकार का वर्तमान हिस्सा प्रत्येक पात्र वृद्ध व्यक्ति के लिए प्रति माह 3,000 रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए. राज्य सरकार को भी अपने हिस्से को इसी के अनुसार संशोधित करने की सलाह दी जानी चाहिए.

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ब्याज दर में बढ़ोतरी की मांग

इसके अलावा, फाउंडेशन ने वित्तीय सुरक्षा उपायों के तहत बुजुर्गों के लिए बैंक, डाकघर और अन्य जमा एवं निवेश योजनाओं पर ब्याज दर में वृद्धि की मांग की. इसमें कहा गया है कि आयकर में खासतौर पर वृद्ध लोगों के लिए और राहत दी जानी चाहिए. इसके साथ ही, एनजीओ ने बुजुर्गों द्वारा अक्सर उपयोग की जाने वाली सेवाओं और उत्पादों जैसे ऑडिट डायपर, दवाएं, व्हीलचेयर और वॉकर जैसे स्वास्थ्य संबंधी उपकरण, 70 वर्ष से ऊपर बुजुर्गों के रोगियों के अस्पताल में भर्ती, मेडिक्लेम नीतियों तथा चिकित्सा परामर्श शुल्क पर जीएसटी छूट की भी मांग की है.

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