दरभंगाः खेल से टीम भावना का विकास होता है. विभिन्न खिलाड़ियों के बीच सामंजस्य बैठाकर खिलाड़ी खेलते हैं. खेल के साथ जीवन के किसी भी क्षेत्र में मुकाम हासिल करने के लिए टीम कल्चर को विकसित करना अनिवार्य है. यह बात लनामिवि के कुलपति डॉ एसएम झा ने कही. शनिवार को डॉ नागेंद्र झा स्टेडियम में पूर्वी क्षेत्र अंतर विवि पुरुष वॉलीबॉल टूर्नामेंट के समापन समारोह में वे मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
उन्होंने शिक्षकों से आहवान करते हुए कहा कि छात्र-छात्रओं को वे संतान की तरह समझे. शील्पकार व मूर्तिकार की तरह उनकी प्रतिभा को तराशें. कारण युवा शक्ति अगर सही दिशा में होगी तभी समाज का सम्यक विकास हो सकेगा. विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार इस ओर प्रयासरत हैं. उन्होंने वर्ग कक्ष में विद्यार्थियों की कम उपस्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नामांकन की संख्या में उत्तरोत्तर विकास हो रहा है, परंतु वर्ग कक्ष में बच्चों की संख्या में गिरावट आ रही है. इसके लिए छात्र संगठनों को आगे आना चाहिए.
खेल के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से छात्रों में आकर्षण बढ़ता है. इसी के आधार पर पढ़ाई की भी बात होती है. खिलाड़ियों को आगे भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन इसी तरह करते रहने की अपील करते हुए कहा कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में यदि प्रतिष्ठा अर्जित करनी है तो नंबर एक बनना होगा.
अध्यक्षीय उद्बोधन में विवि के वित्तीय परामर्शी एमआर मालाकार ने कहा कि शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को उजागर करें. उनमें अनुशासन का भाव भरें. डॉ पुतुल सिंह के संचालन में स्वागत भाषण डीएसडब्ल्यू डॉ पीएन झा ने दिया. वहीं प्रतिवेदन संगठन सचिव सह विवि खेल पदाधिकारी डॉ अजय नाथ झा ने प्रस्तुत किया. धन्यवाद ज्ञापन एमआरएम के प्रधानाचार्य डॉ विद्यानाथ झा के द्वारा किया गया. मौके पर सिंडिकेट सदस्य डॉ इंद्रनाथ झा, मानवीकी संकायाध्यक्ष डॉ बीके सिंह, एआइयू की ओर से आवजर्बर प्रतिनियुक्त विद्यासागर सिंह, वालीबॉल एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ बैद्यनाथ झा, डॉ जीतेंद्र नारायण, डॉ गीतेंद्र ठाकुर आदि प्रमुख थे.