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खतरनाक है छोटे बच्चों को ज्यादा चूमना

छोटे बच्चे सभी को प्यारे लगतें हैं और हर कोई उन्हें बाँहों में भर कर प्यार करना चाहता है, चूमना चाहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं? छोटे बच्चों को चूमना उनके लिए जानलेवा हो सकता है. इंग्लैंड में रहने वाली क्लैर ने अपने 3 महीने पूर्व जन्मे नवजात शिशु को मुंह के घावों से […]

छोटे बच्चे सभी को प्यारे लगतें हैं और हर कोई उन्हें बाँहों में भर कर प्यार करना चाहता है, चूमना चाहता है. लेकिन क्या आप जानते हैं? छोटे बच्चों को चूमना उनके लिए जानलेवा हो सकता है.

इंग्लैंड में रहने वाली क्लैर ने अपने 3 महीने पूर्व जन्मे नवजात शिशु को मुंह के घावों से पीड़ित होने के कारण हॉस्पिटल में 5 दिनों के लिए एडमिट कराया. क्लैर बताती हैं कि उनके बच्चे को हर कोई चूमता था. कुछ दिनों के बाद ही उनके बच्चे की हालत बिगड़ने लगी थी. ये इन्फेक्शन इतना तेज़ था कि अगर बच्चे को हॉस्पिटल न ले जाया जाता तो इसके कारण बच्चे के लीवर और दिमाग पर बुरा असर हो सकता था. यही नहीं हालत बिगड़ने पर बच्चे को जान का खतरा भी हो सकता था.

डॉक्टर्स ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने कुछ विशेषज्ञों की राय ली. विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चों का इम्युनिटी सिस्टम बड़ो की तरह मजबूत नहीं होता और न ही उनके हालिया जन्मे शरीर में जल्द रिकवरी करने की ताकत होती है इसलिए जितना हो सके बच्चों को बाहरी लोगों के संपर्क से बचाना चाहिए अन्यथा कई बार यह इन्फेक्शन बच्चों की मौत का कारण भी बन सकता है.

छोटे बच्चों की त्वचा बेहद संवेदनशील होती हैं. किसी भी प्रकार का छोटे-से छोटा इन्फेक्शन इनके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है. बड़े लोग जब बच्चों को मुंह लगा कर चुमते हैं तब उनके मुंह की गर्म भाप और उनके शरीर में मौजूद बैक्टेरिया बच्चों के मुंह में प्रवेश कर जाते हैं जिसके बाद बच्चों को खांसी, बुखार, छाती में जकड़न, खांसी के साथ उल्टी और होठों पर छाले हो जाते हैं.

कई बार पेरेंट्स इसे साधारण बात समझ कर गंभीरता से नहीं लेते. जिसके कारण बच्चों के लीवर, किडनी और दिमागी स्वास्थ्य प्रभावित होते हैं.

विशेषज्ञों का कहना है, इस तरह का इन्फेक्शन सिंप्लेक्स वायरस (एचएसवी) के कारण होता है, जो अधिकतर लोगों में पाया जाता है. बड़े लोगों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है इसलिए इस तरह के वायरस उन पर ज्यादा असर नहीं डालते.

यह इन्फेक्शन चूमने और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी हो सकता है. इस तरह के इन्फेक्शन का खतरा बच्चे के जन्म के शुरूआती 6 हफ्तों तक अधिक रहता है.

इसकी पहचान के लिए बच्चे के असामान्य व्यवहार पर ध्यान दें. इस इन्फेक्शन से ग्रस्त होने के बाद…

– बच्चा अधिक रोता है

– खांसी के साथ उल्टी करता है

– बच्चा दूध पीना छोड़ देता है

– बच्चे को बुखार हो जाता है

इन लक्षणों के जान पड़ते ही तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. ख्याल रखें कि बच्चा अधिक परेशानी में तो नहीं, यदि ऐसा हो तो बिना देर करें उसे हॉस्पिटल में एडमिट करें. पेरेंट्स इस बात का विशेष ख्याल रखें कि बच्चे को हर किसी को चूमने नहीं देना है.

हां, ये अव्यवहारिक हो सकता है लेकिन बच्चे के जीवन और स्वास्थ्य के लिए यह बहुत आवश्यक है.

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