यहां संबंधित आवेदन का सत्यापन व शुल्क भुगतान करना पड़ता है. यह प्रक्रिया लर्निंग व परमामेंट ड्राइविंग लाइसेंस दोनों के लिए है. इससे आवेदकों को पूर्व की तरह ही परेशानी हो रही है. फी जमा करने व वेरिफिकेशन में कई बार लिंक फेल होने पर समस्या भी आती है. लोगों का कहना है कि व्यवस्था पूरी तरह ऑन लाइन होनी चाहिए.
लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए एक बार आवेदन का वेरिफिकेशन होने के बाद परमामेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए वेरिफिकेशन नहीं होनी चाहिए. जिला से ही निर्गत लाइसेंस के नवीकरण व डुप्लीकेट लाइसेंस निर्गत करने में भी वेरिफिकेशन की व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए. सभी जिले में परिवहन विभाग का हेल्प डेस्क होना चाहिए, झारखंड अराजपत्रित कर्मचारी संघ के प्रवक्ता टीएन मिश्रा ने कहा है कि विभाग को पूरी तरह ऑन लाइन किया जाना चाहिए. डीएल में दो-दो बार आवेदन सत्यापन की प्रक्रिया बंद होनी चाहिए. समस्या को लेकर संघ का प्रतिनिधिमंडल परिवहन सचिव से मिलेगा.