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गंगा नदी में फिर से कटाव शुरू, कई गांवों के अस्तित्व पर खतरा

मालदा: गंगा नदी में कटाव की वजह से जिले में कालियाचक थाना अंतर्गत तीन ब्लॉक के चार ग्राम पंचायतों हड़कंप मचा हुआ है. पिछले दो दिनों से जारी भारी बारिश की वजह से गंगा नदी अपने पूरे उफान पर है और बढ़ते जल स्तर ने गंभीर रूप धारण कर लिया है. बिन नगर एक ग्राम […]

मालदा: गंगा नदी में कटाव की वजह से जिले में कालियाचक थाना अंतर्गत तीन ब्लॉक के चार ग्राम पंचायतों हड़कंप मचा हुआ है. पिछले दो दिनों से जारी भारी बारिश की वजह से गंगा नदी अपने पूरे उफान पर है और बढ़ते जल स्तर ने गंभीर रूप धारण कर लिया है. बिन नगर एक ग्राम पंचायत के दुर्गा टोला से चीना बाजार गांव तक 9 नंबर बांध के करीब पांच सौ मीटर क्षेत्र में भीषण कटाव हुआ है. कई बीघा जमीन को गंगा ने अपने में समाहित कर लिया है. लगातार कटाव की वजह से इस इलाके में बसे गांव के लोगों में आतंक है. कई गांवों के अस्तित्व खत्म हो जाने की संभावना बनी हुई है. इन गांवों में रहने वाले लोग डर की वजह से सुरक्षित स्थानों की तलाश में अन्यत्र जा रहे हैं.

इस बीच, तट कटाव की इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन तथा फरक्का बैरेज प्रबंधन के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है. उसके बाद ही नदी कटाव को रोकने की कोई कोशिश नहीं की गई. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन तथा फरक्का बैरेज प्रबंधन द्वारा सिर्फ बैठकें की जा रही हैं. नदी के कटाव को रोकने की कोशिश नहीं की जा रही है. कटाव की यही स्थिति लगातार बनी रही, तो कई गांव गंगा की गर्भ में समा जायेंगे. स्थानीय लोगों ने आगे कहा कि बिन नगर 1, 2, लक्ष्मीपुर तथा पारद्वानापुर, शोभापुर ग्राम पंचायत इलाके में तट कटाव की समस्या काफी अधिक है.

प्रशासक की इस उदासीन रवैये के खिलाफ स्थानीय लोगों में भारी रोष है. इधर, कालियाचक तीन ग्राम पंचायत के सदस्य कांग्रेस के शायद अहमद का कहना है कि बिन नगर एक ग्राम पंचायत के मारजिना बांध इलाके में 600 मीटर तक नदी कटाव की घटना घटी है. इससे पहले लक्ष्मीपुर तथा पारदेवानपुर इलाके में भी तट कटाव की समस्या ने गंभीर रूप धारण कर लिया है. इससे इस इलाके में काफी हानि हुई है. पिछले कुछ दिनों से जारी कटाव की वजह से बिन नगर-1 इलाके में करीब 25 घरों को गंगा ने लिल लिया है. इसके अलावा कई अन्य गांवों के भी गंगा में समा जाने का खतरा बना हुआ है. इन गांवों में प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र आदि भी है. इन सभी के गंगा में समा जाने की संभावना बनी हुई है. उन्होंने आगे बताया कि पारदेवानपुर गांव में करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से आरसेनिक प्लांट बनाने का काम चल रहा है. यदि तट कटाव को रोकने की कोशिश नहीं की गई, तो इस प्लांट के भी गंगा में बह जाने की संभावना है. तीस्ता बैरेज प्रबंधन ने नदी कटाव को रोकने के लिए विशेष पहल शुरू करने की बात कही थी, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई. नदी तट को बांधने के लिए तीस्ता बैरेज प्रबंधन ने अब तक कोई काम नहीं किया है.

क्या कहते हैं पूर्व विधायक
कालियाचक के पूर्व विधायक तथा माकपा नेता विश्वनाथ घोष का कहना है कि दिननगर-एक, दो, लक्ष्मीपुर एवं पारदेवानपुर इलाके में तट कटाव की समस्या काफी पुरानी है. इस समस्या से इस इलाके में रहने वाले कई हजार लोग प्रभावित हैं. नदी के तट के तटाव को रोकने की कोशिश नहीं की जा रही है. यही स्थिति बनी रही तो इन चार ग्राम पंचायतों के करीब 50 हजार लोग बेघरवार हो जायेंगे. उन्होंने जिला प्रशासन तथा फरक्का बैरेज प्रबंधन से तत्काल इस दिशा में कदम उठाने की मांग की है. इधर, वैष्णवनगर के विधायक कांग्रेस के इशा खान चौधरी ने बताया है कि वह नदी कटाव इलाके का दौरा कर लौटे हैं. स्थिति काफी खराब है. तत्काल काम शुरू करने के लिए उन्होंने फरक्का बैरेज प्रबंधन से बातचीत भी की है.
फरक्का बैरेज प्रबंधन का बयान
इस संबंध में फरक्का बैरेज के जेनरल मैनेज सोमित्र कुमार हालदार ने कहा है कि फरक्का बैरेज के अधीन बांध मरम्मती का जितना काम होना है उस पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि बिन नगर 1, 2, लक्ष्मीपुर तथा पारदेवानपुर इलाके में नदी का कटाव रोकने के लिए बांध निर्माण का काम हुआ था. कुछ लोगों ने गंगा तट पर बड़े पैमाने पर मिट्टी का कटाव किया है, जिसकी वजह से यह समस्या इतनी गंभीर हुई है. इस इलाके से मिट्टी काटकर बेचने का काम चल रहा है. पुलिस से कई बार इस मामले की शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों को भी मिट्टी काटने वालों के खिलाफ एकजुट होना होगा.

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