सुरभि बहुत खुशमिजाज लड़की थी. खुद भी हंसती थी और दूसरों को भी हमेशा हंसाती रहती थी, लेकिन पिछले दिनों वह अचानक उदास रहने लगी. घर में सभी से अलग-थलग रहने लगी. घर वालों ने जानने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
आखिरकार उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाया गया, तब उसके दुखी होने की वजह पता चली. दरअसल, सुरभि को उसकी सहेली के भाई ने प्रपोज किया था. सुरभि ने साफ मना कर दिया. सुरभि की सहेली के भाई की उसी रात रोड एक्सीडेंट में मौत हो गयी. यह खबर जब सुरभि को मिली, तो उसने खुद को उसकी मौत का जिम्मेवार मान लिया. उसे लगने लगा कि अगर वह मना नहीं करती, तो शायद वह जिंदा होता. जरूर उसने तनाव में आ कर तेज गाड़ी चलायी होगी या उसका ध्यान ड्राइविंग से भटक गया होगा. तब मनोचिकित्सक ने सुरभि को स्वयं को माफ करने की सलाह दी. अभी सुरभि का ट्रीटमेंट जारी है और वह रिकवर कर रही है.
कई बार हमारे साथ भी ऐसा होता है. हमसे कोई गलती जाने-अनजाने में हो जाती है और बाद में हम इस पर अफसोस जताते हुए सारा दोष खुद पर मढ़ देते हैं. ऐसे में हमें खुद को क्षमा करना सीखना होगा, वरना जिंदगी बेजान हो जायेगी. यदि आपको भी किसी चीज का अपराध बोध है, तो भगवान से इसके लिए माफी मांग लें. उनके सामने जाएं और एकांत में बैठ कर अपनी गलती उन्हें बताएं. यह महसूस करें कि भगवान ने आपको माफ कर दिया है. अगर आपको इससे भी सुकून न मिले, तो प्रायश्चित के तौर पर किसी जरूरतमंद की मदद कर दें.
जिस व्यक्ति के साथ आपने अनजाने में बुरा किया है, अगर उसकी ही मदद कर देंगे, तो यह और ज्यादा बेहतर होगा. अगर आप उस व्यक्ति से खुद माफी मांग सकते हैं, तो इससे अच्छा उपाय और कोई नहीं. हालांकि, कई बार माफी देने वाला व्यक्ति हमारी पहुंच में नहीं होता, इसलिए बेहतर है कि हम भगवान से माफी मांग लें और खुद को भी माफ कर दें.
– बात पते की…
* यह सोचनेवाली बात है कि अगर आप खुद को क्षमा नहीं करेंगे, तो दूसरों को कैसे क्षमा करेंगे. दूसरों को भी साफ दिल रख कर माफ कर दें.
* कई बार परिस्थितियां हमारे बस में नहीं होती. अनजाने में हमसे गलती हो जाती है. गलतियां किससे नहीं होती? इसलिए पिछली बात भूल जाएं.