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पूर्व सभापति को जनता ने नकारा, नये को मिला मौका

सीतामढ़ी : नगर परिषद के संपन्न चुनाव में पूर्व महिला सभापति आशा देवी समेत कई पूर्व वार्ड पार्षद भी चुनाव लड़े थे. इनमें से कई पूर्व पार्षद आरक्षण रोस्टर में बदलाव के चलते बीच के कार्यकाल में चुनाव नहीं लड़ सके थे. उन्हें फिर से आरक्षण रोस्टर में बदलाव का इंतजार था. इस बार मौका […]

सीतामढ़ी : नगर परिषद के संपन्न चुनाव में पूर्व महिला सभापति आशा देवी समेत कई पूर्व वार्ड पार्षद भी चुनाव लड़े थे. इनमें से कई पूर्व पार्षद आरक्षण रोस्टर में बदलाव के चलते बीच के कार्यकाल में चुनाव नहीं लड़ सके थे.

उन्हें फिर से आरक्षण रोस्टर में बदलाव का इंतजार था. इस बार मौका भी मिला, लेकिन पूर्व सभापति समेत अधिकांश पूर्व वार्ड पार्षदों को स्थानीय जनता ने नकार दिया है. इनमें पूर्व महिला सभापति आशा देवी के अलावा पूर्व उप सभापति विजय कुमार स्वर्णकार व पार्षद सुनीता चौधरी समेत अन्य कई पूर्व पार्षदों का नाम शामिल है. आशा देवी को वर्ष-2002 में सभापति के रूप में नगर का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था.
इस बार वे फिर से सभापति की कुरसी पर पहुंचने की नीयत से चुनाव लड़ी थी, लेकिन स्थानीय निवर्तमान महिला पार्षद नगीना देवी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. वहीं, पूर्व उपाध्यक्ष विजय कुमार स्वर्णकार व युगल किशोर प्रसाद भी वार्ड-8 से चुनाव लड़े थे, लेकिन दोनों ही पूर्व उपाध्यक्ष को खाली पड़ी सीट की दिवंगत महिला पार्षद पति लक्ष्मण प्रसाद के हाथों हार का सामना करना पड़ा. इस तरह स्थानीय जनता ने पूर्व सभापति व उप सभापति समेत अन्य पूर्व वार्ड पार्षदों को नकार दिया.
पत्नी समेत चुनाव हारे पूर्व उपाध्यक्ष: सीतामढ़ी . नगर परिषद के संपन्न चुनाव में पूर्व उप मुख्य पार्षद युगल किशोर प्रसाद पत्नी समेत चुनाव हार गये. इतना ही नहीं, बूथ पर हंगामा करने के आरोप में पुलिस ने उन्हें पुत्र के साथ गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
बता दें कि पिछले चुनाव में जीत हासिल करने के बाद श्री प्रसाद को नगर के उप मुख्य पार्षद के रूप में चुना गया था, लेकिन करीब आधे कार्यकाल के दौरान ही उन पर कुछ विरोधी पार्षदों द्वारा
अविश्वास प्रस्ताव ला दिया गया था. अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने के बाद श्री प्रसाद ने अपना इस्तीफा सौंप कर अपने जगह वार्ड-6 के पार्षद मो इरशाद अहमद को उम्मीदवार बनाया. संयोग से श्री अहमद बहुमत हासिल करने में कामयाब रहे. श्री प्रसाद ने पिछली बार के चुनाव में खुद वार्ड-2 से चुनाव जीते थे. वही, पत्नी इंद्रा गुप्ता वार्ड-7 से चुनाव जीतकर पार्षद बनी थी. इस बार के चुनाव में आरक्षण का रोस्टर बदलने के चलते पूर्व उपाध्यक्ष श्री प्रसाद अपनी सीट से पत्नी इंद्रा गुप्ता को चुनाव लड़ाया था और खुद वार्ड-8 से चुनाव लड़े थे, लेकिन दोनों को हार का सामना करना पड़ा है. फिलहाल श्री प्रसाद जेल में बंद हैं.

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