यह अहम सुराग सीआइडी को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार मोर्चा के तीन शीर्ष नेता धन कुमार प्रधान (दार्जिलिंग नगरपालिका के चेयरमैन), मोर्चा के कानूनी सलाहकार तिलक चंद्र रोका और मोर्चा के सेंट्रल कमेटी के सदस्य पेंबा छिरिंग ओला से मिला है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोरचा में अग्रिम पंक्ति के कद्दावर नेता माने जानेवाले तीनों नेता सीआइडी के सामने टूट गये और घुटना टेक दिया. तीनों ने सीआइडी के सामने कई अहम रहस्यों से पर्दा हटा दिया. सीआइडी के विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त समाचार के अनुसार पहाड़ में हिंसक आंदोलन को जारी रखने के लिए दार्जिलिंग समेत पूरे पर्वतीय क्षेत्रों में आग्नेयास्त्रों का जखीरा कहां-कहां छुपा कर रखा गया है,इसकी जानकारी भी गिरफ्तार तीनों मोर्चा नेताओं को है.
आग्नेयास्त्रों के अलावा सौ दिनों से चल रहे हिंसक आंदोलन से जुड़े और भी कई चौंकानेवाले अहम रहस्यों का जल्द खुलासा होगा. दूसरी ओर पुलिस की खुफिया विंग का मानना है कि पहाड़ पर हिंसक आंदोलक को जारी रखने के लिए मोर्चा का पूर्वोत्तर भारत और नेपाल के प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के साथ भी तार जुड़े होने की आशंका अब पुख्ता हो रही है.
पेशी के बाद सरकारी अधिवक्ता सुदीप कुमार बासुनिया ने मीडिया को बताया कि सीआइडी ने तीनों को हिरासत में लेने के लिए 14 दिनों की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने अंडरग्राउंड हो चुके मोर्चा सुप्रीमो विमल गुरुंग, आशा गुरुंग, रोशन गिरि व प्रकाश गुरुंग के अलावा पहाड़ पर आग्नेयास्त्रों का ठोह लगाने व हिंसक आंदोलन से जुड़े अन्य रहस्यों से पर्दा हटाने के लिए आठ दिनों के लिए सीआइडी को अपने हिरासत में रखने का आदेश दिया है. दूसरी ओर कोर्ट में तीनों नेताओं की ओर से अधिवक्ता अखिल विश्वास ने पैरवी की.