बिना दवा के अस्पताल से लौट रहे थे मरीज
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सरकारी दवा की खरीदारी में लग गये दस महीने
बिना दवा के अस्पताल से लौट रहे थे मरीज अब करायी जा रही दवा की आपूर्ति, 21 को अस्पताल में करायेंगे मुहैया स्थानीय स्तर पर हुई दवा की खरीद, सरकार ने नहीं भेजी दवा समस्तीपुर : स्वास्थ्य विभाग को स्थानीय स्तर पर दवा की खरीदारी में दस माह लग गये. अब भी सभी जरुरी दवाएं […]
अब करायी जा रही दवा की आपूर्ति, 21 को अस्पताल में करायेंगे मुहैया
स्थानीय स्तर पर हुई दवा की खरीद, सरकार ने नहीं भेजी दवा
समस्तीपुर : स्वास्थ्य विभाग को स्थानीय स्तर पर दवा की खरीदारी में दस माह लग गये. अब भी सभी जरुरी दवाएं विभाग को मुहैया नहीं करायी गयी है. अगले तीन चार दिनों में सभी दवाएं उपलब्ध होने की उम्मीद की जा रही है. वैसे विभाग ने दवा की वितरण तिथि निर्धारित कर दी है. 21 फरवरी को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों को दवा मुहैया कराने को लेकर पत्र भेज दिया गया है. जानकारी के अनुसार जिला स्वास्थ्य समिति ने सदर अस्पताल समेत जिले के अन्य पीएचसी में दवा की कमी दूर करने के लिये करीब एक साल पहले स्थानीय स्तर पर टेंडर किया था. टेंडर प्रक्रिया के फाइनल होने में काफी लंबा समय लग गया.
इसका परिणाम हुआ कि पीएचसी में दवाएं पूरी तरह खत्म हो गयी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल के ओपीडी में 33 एवं आईपीडी में 112 प्रकार की दवाएं उपलब्ध कराने का दावा खोखला साबित हुआ. सरकारी अस्पतालों में आने वाले गरीब मरीज बगैर दवा के लौटते रहे. सदर अस्पताल में भी दवा की घोर कमी रही. ओपीडी में तो दवा की किल्लत रही ही, इमरजेंसी में भी जरुरी दवाएं उपलब्ध नहीं थी. जिसका उदाहरण 21 जनवरी को देखने को मिला.
नशामुक्ति को लेकर आयोजित मानव श्रृंखला के दौरान जगह जगह बेहोश हुए छात्र छात्राओं के इलाज के लिये जरूरी दवाएं नहीं थी. बाहर से दवा खरीदने का निर्देश अस्पताल के द्वारा दिया गया जिसके कारण लोगों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. दवा की कमी के कारण स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ जिला प्रशासन को भी काफी फजीहत का सामना करना पडा था. सदर अस्पताल के इमजेंसी की हालत यह थी कि मरीजों को आते ही उसका प्राथमिक उपचार कर रेफर कर दिया जाता था. इधर, अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में गिरावट की वजह दवा की कमी को बताया जा रहा है.
तीन चरणों में उपलब्ध करायी गयी दवा
टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के करीब दस महीने बाद जिला स्वास्थ्य समिति में पिछले एक महीने में अब तक तीन खेप दवा उपलब्ध करायी गयी है. चौथी एवं अंतिम खेप की दवाइयां अगले दो चार दिनों में उलपब्ध कराये जाने की बात कही जा रही है. जो भी दवाइयां उलपब्ध करायी गयी है, उसका वेरिफिकेशन किया जाना है. वेरिफिकेशन के बाद सदर अस्पताल सहित अनुमंडल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दवाइयां मुहैया करायी जायेगी. अब तक जो दवाइयां उपलब्ध करायी गयी है उसमें ओपीडी की सभी 33 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हो गयी है. जबकि आईपीडी की 112 में 86 प्रकार की दवाएं मुहैया करायी गयी है. 26 प्रकार की दवाएं अब भी बची हैं जो अगले कुछ दिनों में उपलब्ध होंगी.
राज्य सरकार ने अब तक नहीं भेजीं दवाएं
जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से छह महीने के लिये जरूरी संख्या में दवा उपलब्ध कराने को लेकर पत्र भेजा गया है. इसमें ओपीडी एवं आईपीडी की दवाएं भी शामिल है. सभी पीएचसी, सीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल एवं सदर अस्पताल में एक दिन में आने वाले मरीजों की संख्या के हिसाब से छह महीने का टार्गेट निर्धारित कर दवा आपूर्ति को लेकर डिमांड भेजा गया है. राज्य से अब तक दवा नहीं उपलब्ध करायी गयी है. यदि राज्य से दवा उपलब्ध हो जाती है तो अगले छह महीने तक मरीजों को सभी जरुरी दवाएं सरकारी अस्पतालों में मिल जायेंगी. डीपीसी आदित्यनाथ झा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दवा का डिमांड राज्य हेल्थ सोसायटी से किया गया है. उम्मीद है अगले एक दो महीने में दवा उपलब्ध हो जायेगी.
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