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सातवां वेतनमान : बिहार में भी छह-सात महीने में लागू हो जायेंगी सिफारिशें

कौशिक रंजन पटना : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर केंद्र सरकार की मुहर के बाद राज्य सरकार में भी इसे लेकर कवायद शुरू हो गयी है. वित्त विभाग भी राज्य के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के लिए जल्द ही फिटमैन कमेटी का गठन करने जा रहा है, जो केंद्र की […]

कौशिक रंजन

पटना : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर केंद्र सरकार की मुहर के बाद राज्य सरकार में भी इसे लेकर कवायद शुरू हो गयी है. वित्त विभाग भी राज्य के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के लिए जल्द ही फिटमैन कमेटी का गठन करने जा रहा है, जो केंद्र की ओर से जारी अधिसूचना और सातवें वेतन आयोग की मंजूर की गयी तमाम अनुशंसाओं का विश्लेषण करेगी. इसके बाद एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया जायेगा, जो वेतन के प्रारूप को अंतिम रूप देगी. इसके बाद इसे राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए लागू कर दिया जायेगा.

वित्त विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, छह से सात महीने में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी जायेंगी. इससे राज्य सरकार के खजाने पर सालाना करीब 6300 करोड़ का वित्तीय बोझ बढ़ने की संभावना है. सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाएं लागू होने करने पर राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन में भी 23.6 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी. मूल वेतनमान में 14.27 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जबकि मूल वेतन और अन्य तमाम भत्तों को मिला कर यह बढ़ोतरी करीब साढ़े 23 प्रतिशत के आसपास होगी.

उच्च पदों पर तैनात अधिकारियों को इस बढ़ोतरी से बहुत फायदा नहीं मिलेगा, लेकिन मध्यम और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को इसका ठीक-ठाक लाभ मिलने का अनुमान है. इनके वेतन में औसतन छह से आठ हजार रुपयेप्रति महीने की बढ़ोतरी होगी. इस बढ़ोतरी का लाभ उन नियोजित शिक्षकों को भी मिलेगा, जिन्हें सरकार ने वेतनमान दे दिया है.

वेतन में इतना बढ़ेगा खर्च
– वित्तीय वर्ष 2014-15 में वेतन में 13913 करोड़ हुए थे खर्च
– वित्तीय वर्ष 2015-16 में वेतन में करीब 15 हजार करोड़ खर्च
– 7वां वेतनमान लागू होने के बाद करीब 3500 करोड़ का बढ़ेगा बोझ
-इस तरह वेतन मद में खर्च बढ़ कर हो जायेगा 18500 करोड़

पेंशन में इतना बढ़ेगा खर्च
– वित्तीय वर्ष 2014-15 में 11344 करोड़ हुए थे खर्च
– वित्तीय वर्ष 2015-16 में 12400 करोड़ खर्च
– 7वां वेतनमान लागू होने के बाद करीब 2800 करोड़ का वित्तीय बोझ बढ़ेगा
– इस तरह पेंशन मद में खर्च बढ़ कर हो जायेगा 15200 करोड़

सालाना 6300 करोड़ का बढ़ेगा बोझ
मद अभी बढ़ने पर अतिरिक्त
वेतन 15000 18500 3500
पेंशन 12400 15200 2800
(राशि करोड़ में)

7.75 लाख को इंतजार
– राज्य में नियमित वेतनमान वाली सभी श्रेणियों के सरकारी कर्मचारियों की संख्या करीब 3.50 लाख
– राज्य में पेंशनरों की संख्या करीब 4.25 लाख
– राज्य सरकार में चतुर्थवर्गीय से शीर्ष तक के कर्मचारियों और अधिकारियों के करीब 20 तरह के वेतनमान हैं, जिनमें अलग- अलग तरह से बढ़ोतरी होगी.

राज्य का गैर योजना आकार बढ़ेगा
नियमित सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर सालाना 3,500 करोड़ व पेंशन पर 2,800 करोड़ का खर्च बढ़ेगा. इससे खजाने पर सालाना करीब 6300 करोड़ का वित्तीय बोझ बढ़ेगा. इसका सीधा असर राज्य के गैर योजना आकार पर पड़ेगा. मौजूदा वित्तीय वर्ष 2016-17 में राज्य का गैर योजना आकार 72 हजार करोड़ का है, जो बढ़ कर करीब 79 हजार करोड़ हो जायेगा. इससे योजना आकार में कटौती की संभावना काफी बढ़ गयी है.

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