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मोदी ने गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए आसियान देश के प्रमुखों को आमंत्रित किया

मनीला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवारको यहां आसियान शिखर सम्मेलन में नियम आधारित क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचा की पुरजोर वकालत की. मोदी की यह अपील हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रमक रुख ने निपटने के लिए भारत, अमेरिका और जापान जैसे बड़े देशों के बीच बढ़ते तालमेल को प्रतिबंबित करती है. आसियान शिखर सम्मेलन को […]

मनीला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवारको यहां आसियान शिखर सम्मेलन में नियम आधारित क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचा की पुरजोर वकालत की. मोदी की यह अपील हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रमक रुख ने निपटने के लिए भारत, अमेरिका और जापान जैसे बड़े देशों के बीच बढ़ते तालमेल को प्रतिबंबित करती है. आसियान शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र के समक्ष आतंकवाद और उग्रवाद एक बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए क्षेत्र के देशों के हाथ मिलाने का समय आ गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस क्षेत्र में नियमों पर आधारित एक सुरक्षा व्यवस्था ढांचे के लिए आसियान को अपना समर्थन जारी रखेगा. उनके इस कथन को दक्षिण चीन सागर (एसीएस) में चीन के बढ़ते सैन्य दखल के संदर्भ में देखा जा रहा है. चीन के रुख से क्षेत्र के अनेक देश चिंतित हैं.

उन्होंने कहा, भारत आसियान को आश्वस्त करता है कि क्षेत्र के लिए नियम आधारित सुरक्षा व्यवस्था ढांचे के लिए हम अपना समर्थन जारी रखेंगे. यही क्षेत्र के हित और शांतिपूर्ण विकास के अनुकूल है. इससे एक दिन पहले मोदी ने मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता पर चर्चा की. ऐसा समझा जाता है कि यह मुद्दा मोदी की जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे तथा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैलकॉम टर्नबुल के साथ बातचीत में भी उठा. प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिए क्षेत्र के देशों के बीच समन्वित प्रयास का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा, हमें आतंकवाद के कारण नुकसान उठाना पड़ा है. हमारे समक्ष एकजुट होकर आतंकवाद को खत्म करने के बारे में सोचने का समय आ गया है.

आसियान के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत और आसियान देशों के बीच समुद्री संपर्क हजारों वर्ष पूर्व स्थापित हुआ. इससे हमारा पूर्व में व्यापार संबंध रहा. हमें इसे और मजबूत बनाने के लिए साथ मिलाकर काम करना है. दस दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन आसियान क्षेत्र में एक प्रभावशाली समूह माना जाता है. भारत के अलावा अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देश वार्ता भागीदार हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत और आसियान मूल्य और नियति एक दूसरे से जुड़ी है.

उन्होंने कहा, हम अपने साझा मूल्यों और साझी नियति को लेकर भारत आसियान संबंधों की 25वीं वर्षगांठ संयुक्त रूप से मना रहे हैं. इस मौके पर कई गतिविधियों का आयोज किया जायेगा. मैं 25 जनवरी 2018 को भारत-आसियान स्मृति शिखर सम्मेलन में आपके स्वागत को लेकर उत्सुक हूं. मोदी ने कहा कि 125 करोड़ भारतीय 2018 के गणतंत्र दिवस में आसियान नेताओं के स्वागत की प्रतीक्षा कर रहे हैं. थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई इस दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के सदस्य देश हैं. प्रधानमंत्री ने क्षेत्राीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) के नेताओं की बैठक में भी भाग लिया. आरसीईपी में 10 सदस्यीय आसियान तथा छह अन्य देश भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड हैं. ये सभी मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं.

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