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भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में पूर्व के 10 वर्षों में हुए घोटालों का खुला पिटारा, करोड़ों के गोलमाल की आशंका

मधेपुरा, प्रतिनिधि : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में गत दस वर्षों से व्याप्त वित्तीय अनियमितता, धांधली व विवि परिनियमों के विरूद्ध करोड़ों का भुगतान करने व व्याप्त अराजकता कोबिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है. बीएन मंडल विवि के पूर्व कुलपति, पूर्व प्रतिकुलपति के बाद वर्तमान कुलसचिव व वित्तीय पदाधिकारी सहित […]

मधेपुरा, प्रतिनिधि : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में गत दस वर्षों से व्याप्त वित्तीय अनियमितता, धांधली व विवि परिनियमों के विरूद्ध करोड़ों का भुगतान करने व व्याप्त अराजकता कोबिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है. बीएन मंडल विवि के पूर्व कुलपति, पूर्व प्रतिकुलपति के बाद वर्तमान कुलसचिव व वित्तीय पदाधिकारी सहित कई पदाधिकारी भी जांच के जद में आ गये है. करीब एक दर्जन से अधिक शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए बीएन मंडल विवि में राज्य सरकार व राजभवन ने वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू कर दी है.

विवि के पदाधिकारियों पर बिना उपयोग के सामान की खरीद कर और नियम विरुद्ध लाखों करोड़ों रुपये का भुगतान का आदेश करने का आरोप लगा है. इन मामलों में विवि प्रशासन से जांच प्रतिवेदन की मांग की गयी है. जानकारी के अनुसार जांच से जुड़े सभी मामले पूर्व के दस वर्षों का है. तमाम मामला वर्ष 2008 से 29 मई 2017 तक विभिन्न कुलपति, प्रतिकुलपति व कुलसचिव के कार्यकाल है. हालांकि वर्तमान कुलसचिव इस अवधि में कुलसचिव के पद पर अपना दूसरा टर्म पूरा करने वाले है. तत्कालिक कुलपति का टर्म 28 मई 2017 को पूरा हो गया था.

निदेशक ने विशेष कार्य पदाधिकारी को लिखा पत्र

विभिन्न स्त्रोत से शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को प्राप्त आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक खालिद मिर्जा ने कुलाधिपति कार्यालय के विशेष कार्य पदाधिकारी से कहा है कि बीएनएमयू में वित्तीय गोलमाल व नियम विरूद्ध किये गये कार्यों व अराजकता के खिलाफ संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई करें. निदेशक ने राजभवन के विशेष कार्य पदाधिकारी से कहा है कि बीएनएमयू के तत्कालीन कुलपति, कुलसचिव व अन्य कई पदाधिकारियों के विरुद्ध शिकायत प्राप्त हुआ है. मामलों की जांच कर अग्रतर कार्रवाई करें. इधर, इनमें से करीब आधा दर्जन मामलों में राजभवन ने विवि से जांच प्रतिवेदन की मांग की है.

खुलने लगा घोटाले का राज, विवि में आया भूचाल

ज्ञात हो कि पूर्व कुलपति के कार्यकाल में मेडिकल डिग्री घोटाले के अलावे ढ़ाई करोड़ की राशि से छपाये गये सार्टिफिकेट मामले में पूर्व से जांच चल रही है. मेडिकल कॉपी जांच मामले में कुलपति प्रो डाॅ अवध किशोर राय ने परीक्षा नियंत्रक से जांच कराने वाले शिक्षकों की सूची मांगी है. वहीं प्रतिकुलपति प्रो डाॅ फारूक अली ने सार्टिफिकेट छपायी मामले परीक्षा नियंत्रक से जवाब तलब किया है. इसके अलावा विवि प्रशासन ने त्वरित जांच करते हुए पूर्व प्रतिकुलपति द्वारा नियमों को ताक पर रख कर किये गये लाखों रुपये के भुगतान के आदेश को निरस्त कर दिया है. अब राजभवन व राज्य सरकार के पत्र से हुए ताजा खुलासे से विवि में भूचाल आ गया है.

वित्तीय अनियमितता से लेकर शैक्षणिक अराजकता पर सवाल
निदेशक उच्च शिक्षा ने शिक्षा विभाग में प्राप्त शिकायतों का जिक्र करते हुए करोड़ों की घोटाले में संलिप्त कुलसचिव डाॅ कुमारेश प्रसाद सिंह का अविलंब स्थानांतरण कर उनकी पत्नी श्यामा राय की प्राचार्य पद पर की गयी अवैध नियुक्ति व भुगतान की उच्च स्तरीय जांच कराने की बात कही है. इसके अलावा 2009 में डाॅ श्यामा राय को विवि चयन समिति के द्वारा प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त करने की प्रक्रिया में की गयी अनियमितता तथा पद की शक्ति का दुरूपयोग किया गया था, चयन समिति के रिपोर्ट में डाॅ राय की शैक्षणिक योग्यता में जितने अंक विविध प्रावधानानुसार मिला था, उस अंक में हेराफेरी कर कुल अंक में अधिक अंक दिखा दिया गया था.

इस आधार पर उनकी नियुक्ति हो गयी. संपत्ति वे मगध विवि के अंतर्गत प्राचार्य के पद पर कार्यरत है. बीएन मंडल विवि के पूर्व कुलपति डा विनोद कुमार की लापरवाही, गैर जिम्मेदारी एवं अयोग्यता के कारण अराजक स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. नियमों को ताक पर रख बिना उपयोग के करोड़ों के समानों के साथ-साथ ढ़ाई करोड़ के सार्टिफिकेट छपवाये गये. एक अन्य शिकायत में डाॅ जयकृष्ण कुमार व डाॅ राजेंद्र प्रसाद यादव ने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र भेज कर वित्त पदाधिकारी हरिकेश नारायण सिंह जो अवकाश प्राप्त लेखा पदाधिकारी थे की नियुक्ति को वापस करने की मांग की है.

इसके अलावे विवि प्रावधान के अंतर्गत प्रत्येक तीन वर्षों की समाप्ति पर वरीयतम शिक्षक को पीजी विभागाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाना है. परंतु 2012 से लेकर अब तक कतिपय विभागीय अध्यक्ष विवि प्रशासन की लापरवाही व पक्षपात रवैये के कारण अपने अपने पदों पर बने हुए है. इस प्रकार विवि अधिनियमों की भारी अनदेखी की जा रही है. प्रधान सचिव शिक्षा विभाग को प्राप्त अभियोग पत्र में विभागीय अध्यक्षता हेतु वरीयतम शिक्षकों की सूची में की गयी अनियमितताओं की शिकायत की गयी है.

मामले पर प्रतिक्रियाएं

कुलाधिपति कार्यालय व शिक्षा विभाग बिहार सरकार से जो भी निर्देश प्राप्त हुआ और जो होगा उसका पालन किया जायेगा. बगैर किसी राग व द्वेश के संबंधित मामलों पर कुलाधिपति कार्यालय व राज्य सरकार को विधिसम्मत जांच प्रतिवेदन विवि प्रशासन समर्पित करेगी. (प्रो डाॅ फारूक अली, प्रतिकुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा)

वित्तीय अनियमितताओं के मामले में सूक्ष्मता के साथ जांच कर विवि प्रशासन कोई निर्णय लेगी. ऐसे मामलों पर वित्त विभाग जांच कर त्वरित कार्रवाई करेगी. (सीआर डीगवाल, वित्तीय सलाहकार, सीआर डीगवाल, बीएनएमयू, मधेपुरा)

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