गोरखपुर/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और अन्य कई पूर्वी इलाकों में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है. राज्य के 22 जिलों की करीब 15 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के बुरी तरह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्टीमर से जाकर निरीक्षण किया. उन्होंने प्रभावित लोगों के राजस्व तथा बिजली के बिल माफ करने का एलान किया.
गोरखपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी स्टीमर से बाढ़ग्रस्त गांव करमहा कला, करमहा खुर्द, बढ़नी, परसौना आदि में गये और बाढ़ से पीड़ित लोगों से मिल कर संवेदना व्यक्त की. साथ ही आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार इस आपदा की घड़ी में पूरी तरह से आपके साथ है और हरसंभव मदद मुहैया करायी जायेगी.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के राजस्व लगान एवं बिजली के बिल माफ किये जायेंगे. उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि उन्हें कोई तकलीफ नहीं होगी. शासन सहायत के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित हो कि कोई भी बाढ़ पीड़ित भूखे न रहने पाये. मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्य हर परिवार तक बिना भेदभाव के पहुंचाया जाये.
उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जनपद के समस्त बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में भ्रमण करें और लोगों को राहत एवं खाद्य सामग्री का वितरण सुनिश्चित करें. बाढ़ग्रस्त इलाकों के लोगों को राहत में किसी तरह की कोताही न बरतें.
इस बीच, बाढ़ नियंत्रण विभाग के सूत्रों के अनुसार, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है. इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) तथा पीएसी के जवान बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जी-जान से जुटे हैं. प्रदेश के 22 जिलों की 15 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. इस वक्त एनडीआरएफ की 11 कंपनियां, बाढ़ पीएसी की 17 कंपनियां तथा वायुसेना के दो हेलीकाॅप्टर तथा सैनिक प्रभावित इलाकों में तैनात हैं.
गोरखपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. शनिवार सुबह से ही राप्ती, रोहिन, गोर आदि नादियां उफान पर हैं. शहर के नौसड चैराहे पर राप्ती नदी बांध की हालत चिंताजनक बनी हुई है. प्रशासन ने लखनऊ जानेवाले वाहनों के इस मार्ग से गुजरने पर प्रतिबंध लगा दिया है. लखनऊ जानेवाले वाहनों को बागा गाढ़ा मार्ग से कलेसर होते हुए लखनऊ की ओर भेजा जा रहा है.
नौसढ़ चैराहे पर हो रहे रिसाव को रोकने के कार्य में जनता की भीड़ के कारण बाधा उत्पन्न हो रही है. वहीं, शहर के रस्तमपुर-बडगो में हो रहे रिसाव को प्रशासन और ग्रामीणों की मदद से रोक दिया गया है. लेकिन, कठौर-बडगो में स्थित बांध में रिसाव जारी है. उधर, ग्रामीण क्षेत्रों के कम्पीयर गंज, मानीराम, पिपराइच, बालापार सहित दर्जनों गांव पूरी तरह से जलमग्न है. लोगों को एनडीआरएफ व सेना की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था.
इस बीच, केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, राप्ती नदी बलरामपुर, बांसी (सिद्धार्थनगर) और रिगौली (गोरखपुर) में जबकि बूढ़ी राप्ती नदी ककरही (सिद्धार्थनगर) में खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है. घाघरा नदी एल्गिनब्रिज, अयोध्या और तुर्तीपार में अब भी लाल निशान से ऊपर बह रही है.
रोहिन नदी त्रिमोहानीघाट में, क्वानो नदी चंद्रदीपघाट में तथा शारदा नदी पलियाकलां में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.