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क्यों नहीं बंद कर दिया जाये स्कूल : हाइकोर्ट

निर्देश. राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, पूछा रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को सफायर इंटरनेशनल स्कूल के छात्र विनय महतो की हत्या की सीबीआइ जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हत्या की घटना को दुखद बताया आैर कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि […]

निर्देश. राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, पूछा
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को सफायर इंटरनेशनल स्कूल के छात्र विनय महतो की हत्या की सीबीआइ जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हत्या की घटना को दुखद बताया आैर कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्यों नहीं इस स्कूल को बंद कर दिया जाना चाहिए. स्कूल परिसर में इस तरह की घटना होना काफी दुखद है. बच्चे अमीर के हों या गरीब के, बच्चे की माैत के बाद सभी गरीब हो जाते हैं.
कोर्ट ने राज्य सरकार, डीजीपी, एसएसपी सहित अन्य सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का निर्देश देते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने स्कूल के प्राचार्य को भी सुनवाई के दाैरान प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. प्रतिवादियों को शपथ पत्र के माध्यम से 16 फरवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा गया.
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने राज्य सरकार को डीजीपी के हस्ताक्षर से जांच की स्टेटस रिपोर्ट, एसएसपी द्वारा हस्ताक्षरित एफआइआर की प्रति, चिकित्सक से हस्ताक्षरित पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि सीलबंद प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. धारा 164 के तहत यदि बयान दर्ज किया गया है, तो उसकी भी प्रति प्रस्तुत करने को कहा. खंडपीठ ने मद्रास हाइकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह की घटना में पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का प्रावधान है. पांच लाख स्कूल प्रबंधन व पांच लाख राज्य सरकार को देना चाहिए, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तिथि निर्धारित की गयी.
मालूम हो कि प्रार्थी रांची अभिभावक मंच के महासचिव अजय राय ने जनहित याचिका दायर कर विनय महतो की हत्या की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि इस निर्मम हत्या मामले में पुलिस की जांच आैर स्कूल प्रबंधन के बदलते बयानों के कारण न्याय मिलने की उम्मीद खत्म हो गयी है. मामले की जांच सीबीआइ करे. राज्य के सरकारी व निजी आवासीय विद्यालयों के लिए सुरक्षा मानक निर्धारित हो.
एफआइआर की प्रति क्यों नहीं मिली
सुनवाई के दाैरान खंडपीठ ने राज्य सरकार की अोर से उपस्थित अपर महाधिवक्ता एचके मेहता से पूछा कि प्रार्थी का कहना है कि एफआइआर की प्रति मांगने पर नहीं मिली. नाराजगी जताते हुए पूछा कि एफआइआर की प्रति क्यों नहीं दी गयी. क्या एफआइआर की प्रति वेबसाइट पर नहीं है. सरकार कहती है कि डिजिटाइजेशन हो रहा है. एफआइआर अॉनलाइन किया गया है. महाधिवक्ता को खंडपीठ ने कहा कि वेबसाइट तैयार करायें, जिस पर दर्ज किये गये एफआइआर को देखा जा सके.
प्रार्थी को लगी फटकार
मामले की सुनवाई के दाैरान खंडपीठ ने प्रार्थी के अधिवक्ता खुशबू कटारूका से पूछा कि आपने स्कूल प्रबंधन को प्रतिवादी क्यों नहीं बनाया है. फटकार लगाते हुए कहा कि बच्चे की माैत स्कूल परिसर में हुई है आैर आपने उसे प्रतिवादी ही नहीं बनाया है. इसके बाद स्कूल के प्राचार्य को प्रतिवादी बनाया गया, जिसे कोर्ट ने नोटिस जारी करने को कहा.

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