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प्रेग्नेंसी में बड़े काम की हैं ये छोटी-छोटी बातें

डॉ मोनिका अनंत असिस्टेंट प्रोफेसर, (ओ एंड जी) एम्स, पटना प्रेग्नेंसी के दौरान स्वस्थ रहने के लिए लोग बहुत कुछ करते हैं. भोजन से लेकर चिकित्सा संबंधी सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है. मगर इनके साथ ही कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाये, तो बड़ी परेशानियाें से बचा जा सकता है. 20-30 मिनट […]

डॉ मोनिका अनंत

असिस्टेंट प्रोफेसर,

(ओ एंड जी) एम्स, पटना

प्रेग्नेंसी के दौरान स्वस्थ रहने के लिए लोग बहुत कुछ करते हैं. भोजन से लेकर चिकित्सा संबंधी सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है. मगर इनके साथ ही कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाये, तो बड़ी परेशानियाें से बचा जा सकता है.

20-30 मिनट टहलें : प्रेग्नेंसी में आमतौर पर काम कम करने से शारीिरक सक्रियता में कमी आ जाती है. इससे वजन जरूरत से ज्यादा बढ़ने, मांसपेिशयों में दर्द और सुस्ती की िशकायत हो सकती है. इसके लिए हल्का व्यायाम करना जरूरी है. इसके लिए सबसे अच्छा उपाय 20-30 मिनट टहलना है. इससे आप तरो-ताजा महसूस करेंगी और स्वस्थ रहने में भी मदद मिलेगी. कुछ हल्का व्यायाम भी कर सकती हैं. इसके लिए आप फिजियोथेरेपिस्ट की मदद लें.

पूरी नींद लेना : आराम करना और स्ट्रेस को दूर रखना भी जरूरी है. इसलिए रात में आठ घंटे और दिन में दो घंटे सोना जरूरी है. पूरी नींद लेने से मानसिक तनाव दूर होता है. इससे आप पर और गर्भस्थ शिशु पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है.

भरपूर पानी पीना : इस स्टेज में गर्भवती को सामान्य से थोड़ा अधिक पानी की जरूरत होती है. शिशु के विकास के लिए भी यह जरूरी है. यह शरीर को ओवर हीट होने से भी बचाता है. िडहाइड्रेशन से मां व शिशु दोनों को गंभीर खतरा होता है. डिहाइड्रेशन का संकेत पेशाब का पीला होना है. इससे बचने के लिए रोज 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं. डिहाइड्रेशन से पथरी का भी खतरा होता है.

इन्फेक्शन से बचें : इस दौरान यूटीआइ या वजाइनल इन्फेक्शन का खतरा अधिक होता है,जो इस समय गंभीर भी हो सकता है. अत: यदि इस तरह के कुछ भी लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार कराएं.

पोजिशन का रखें ध्यान

इस दौरान पीठ के बल सीधे सोने की सलाह नहीं दी जाती है. पीठ के बल सीधा लेटते हैं, तो आपका गर्भाशय दूसरे अंगों पर दबाव डालता है. रीढ़ की हड्डी, आंतों और ज्यादातर ब्लड वेसेल्स पर भी दबाव पड़ता है. इसके कारण कूल्हों और कमर के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है. रात भर ऐसे लेटने के बाद जब आप सुबह उठती हैं, तो आपको चक्कर भी आ सकते हैं. इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रेग्नेंसी में सोने के दौरान पोजिशन को बदलने की सलाह दी जाती है. इससे आपको आराम मिलता है और शिशु सुरक्षित रहता है. बायीं करवट लेटने से शिशु को पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन मिलती है और ब्लड सप्लाइ भी सुचारू होता है.

न सिर्फ शिशु को बल्कि इससे आपको भी फायदा होता है. पाचन में भी सुधार होता है. कुछ दिनों में ही इस तरह से सोने में ज्यादा आराम मिलेगा. अगर फिर भी आपको आराम न मिल रहा हो तो दोनों पैरों के बीच तकिया दबा लें. अगर आपको पीठ के बल लेटने का मन कर रहा है, तो ऊंचा तकिया या दो तकिये सिर के नीचे रखें.

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