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नक्सलियों की संपत्ति की तलाश
दुर्जय पासवान गुमला : गुमला जिले में हार्डकोर व इनामी नक्सली व उग्रवादियों की संपत्ति की तलाश गुमला पुलिस कर रही है. कुछ नक्सलियों की संपत्ति गुमला शहर में होने की सूचना पुलिस को मिली है. अभी इसकी जांच चल रही है. पुलिस के अनुसार, एक-दो नक्सलियों की संपत्ति का पता चला है, जिसे पुलिस […]
दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला जिले में हार्डकोर व इनामी नक्सली व उग्रवादियों की संपत्ति की तलाश गुमला पुलिस कर रही है. कुछ नक्सलियों की संपत्ति गुमला शहर में होने की सूचना पुलिस को मिली है.
अभी इसकी जांच चल रही है. पुलिस के अनुसार, एक-दो नक्सलियों की संपत्ति का पता चला है, जिसे पुलिस जल्द जब्त कर सकती है. जिन नक्सलियों की संपत्ति गुमला में है, उनका नाम पुलिस के पास है, लेकिन पुलिस ने नाम गुप्त रखा है. वहीं पुलिस को सूचना है कि गुमला व रायडीह के कई बड़े ठेकेदारों का नक्सलियों से सीधा कनेक्शन है. नक्सलियों की संपत्ति के बारे में ठेकेदारों को पूरी जानकारी है. पुलिस ने कुछ ठेकेदारों को चिह्नित भी किया है. इनमें से कुछ लोगों से पूछताछ भी की गयी है.
गुमला में एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) द्वारा गुमला के रीपोज रेस्ट हाउस में छापा मारने के बाद गुमला पुलिस ने नक्सलियों की संपत्ति की जांच तेज कर दी है. जांच में गुमला के एक वरीय पुलिस पदाधिकारी लगे हुए हैं. उन्हें कई सबूत भी मिले हैं, जिसपर जल्द कार्रवाई होने की संभावना है. एनआइए के गुमला में छापा के बाद शहर के कई सफेदपोशों के चेहरे से नकाब हटने की संभावना है.
सुधाकरण की पत्नी
गुमला में ठहरी थी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2016 में भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य व एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली सुधाकरण रेड्डी की पत्नी गुमला के एक होटल में ठहरी थी. उस समय बिशुनपुर के एक व्यक्ति (जो नक्सलियों से सीधे संपर्क में था) ने सुधाकरण की पत्नी के गुमला में ठहरने की व्यवस्था की थी. इसके बाद सुधाकरण की पत्नी को गुमला से छत्तीसगढ़ ले जाया गया था. इसमें गुमला के कुछ ठेकेदारों ने मदद की थी. पुलिस के पास इसका पुख्ता सबूत है.
सुधाकरण का भाई व सहयोगी नाम बदल कर ठहरा था
सुधाकरण का भाई नारायण बी रेड्डी व सहयोगी सत्यनारायण रेड्डी गुमला शहर के रीपोज रेस्ट हाउस में वर्ष 2016 में ठहरे था. ये दोनों नाम बदल कर यहां रूके थे. कुछ दिन रुकने के बाद वे लोग रांची चले गये थे. एनआइए के छापा के बाद स्पष्ट हो गया है कि दोनों नक्सली रूम नंबर 201 में ठहरे थे, लेकिन नाम बदल कर रह रहे थे. इस कारण रीपोज रेस्ट हाउस के कर्मी उन लोगों को पहचान नहीं सके थे. क्योंकि जब एनआइए की टीम ने रविवार को नारायण व सत्यनारायण को गुमला लाया, तो वे लोग खुद 201 रूम नंबर में टीम को ले गये थे.
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