35.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

अब तक ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखला नहीं जीत पाया है भारत

नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम ने आजादी के बाद सबसे पहले ऑस्‍ट्रेलिया का दौरा किया था. लेकिन आज तक भारतीय टीम ने यहां कोई भी टेस्‍ट मैच की श्रृंखला नहीं जीती है. भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज और इंग्लैंड सरीखी टीमों को तो उनकी सरजमीं पर हरा दिया है लेकिन अब तक कंगारुओं के देश […]

नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम ने आजादी के बाद सबसे पहले ऑस्‍ट्रेलिया का दौरा किया था. लेकिन आज तक भारतीय टीम ने यहां कोई भी टेस्‍ट मैच की श्रृंखला नहीं जीती है. भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज और इंग्लैंड सरीखी टीमों को तो उनकी सरजमीं पर हरा दिया है लेकिन अब तक कंगारुओं के देश में टेस्ट श्रृंखला जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया है.

भारतीय टीम अब टेस्ट श्रृंखला के लिये 11वें दौरे पर ऑस्ट्रेलिया गयी है और इस बार भी टीम के सामने आखिरी किला फतह करके इतिहास रचने की चुनौती है. भारत ने अब तक ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर दस टेस्ट श्रृंखलाएं खेली हैं. इनमें से तीन को वह ड्रॉ कराने में सफल रहा लेकिन बाकी सात में भारतीय टीम को हार मिली. भारत ने वेस्टइंडीज और इंग्लैंड जैसी मजबूत टीमों से 1971 में श्रृंखला जीत ली थी लेकिन आस्ट्रेलिया ऐसा स्थान रहा है जो हमेशा टीम के लिये अबूझ पहेली बना रहा.

ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भारत ने अब तक 40 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से वह केवल पांच मैचों में जीत दर्ज कर पाया है जबकि 26 टेस्ट मैचों में उसे हार मिली. भारत ने स्वतंत्रता मिलने के बाद नवंबर 1947 से फरवरी 1948 तक आस्ट्रेलिया का पहला दौरा किया था. लाला अमरनाथ की टीम के सामने सर डान ब्रैडमैन की अजेय टीम थी और परिणाम आशानुकूल रहा. भारत सिडनी में खेला गया दूसरा टेस्ट मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा लेकिन बाकी चार मैचों में उसे हार का सामना करना पडा.
भारत इस देश का अगला दौरा 20 साल बाद कर पाया. मंसूर अली खां पटौदी के नेतृत्व वाली भारतीय टीम को 1967-68 में चारों टेस्ट मैच में करारी हार झेलनी पडी थी. इनमें से एडिलेड में खेले गये पहले टेस्ट मैच में चंदू बोर्डे ने टीम की अगुवाई की थी.
इसके दस साल बाद 1977-78 में भारत जब तीसरी बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गया तो तब उसने पहली बार वहां टेस्ट मैच जीता.
ब्रिस्बेन और पर्थ में पहले दो टेस्ट मैच गंवाने के बाद बिशन सिंह बेदी के नेतृत्व वाली टीम ने मेलबर्न और सिडनी में अगले दोनों मैच जीतकर श्रृंखला 2-2 से बराबर कर दी लेकिन एडिलेड में खेले गये पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में भारत 47 रन से हार गया.
भारत की ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर दर्ज की गयी पहली जीत यादगार थी. भारत ने एमसीजी में 222 रन से जीत दर्ज की. इस जीत के नायक लेग स्पिनर भगवत चंद्रशेखर थे जिन्होंने मैच में 12 विकेट लिये. सुनील गावस्कर ने भी दूसरी पारी में शतक जमाया. ऑस्ट्रेलिया के सामने 387 रन का लक्ष्य था लेकिन बाबी सिम्पसन की टीम 164 रन पर ढेर हो गयी थी.
सिडनी में भारत ने पारी और दो रन से जीत दर्ज करके ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को सन्न कर दिया था. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिर से चंद्रा, बेदी और ईरापल्ली प्रसन्ना की बलखाती गेंदों के जाल में फंस गये थे. भारत ने ऑस्ट्रेलिया के अगले दो दौरों में तीन-तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखलाएं खेली और दोनों को ड्रॉ कराने में सफल रहा. गावस्कर जनवरी-फरवरी 1981 के दौरे में कप्तान थे.
भारत सिडनी में पहला टेस्ट हार गया लेकिन मेलबर्न में तीसरा और आखिरी मैच 59 रन से जीतकर श्रृंखला 1-1 से बराबर करने में सफल रहा. यह टेस्ट गुंडप्पा विश्वनाथ की 114 रन की पारी और कपिल देव (28 रन देकर पांच विकेट) की दूसरी पारी में शानदार गेंदबाजी के लिये याद किया जाता है. इसके लगभग पांच साल बाद 1985-86 के दौरे में कपिल देव की भारतीय टीम ने तीनों टेस्ट मैच ड्रा कराये थे.
लेकिन मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुवाई वाली भारतीय टीम को 1991-92 में पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 0-4 से करारी हार का सामना करना पडा. भारत ने सचिन तेंदुलकर के नेतृत्व में 1999-2000 में जब तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिये ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया तो उसे व्हाइटवाश की शर्मिंदगी झेलनी पडी थी. भारत तीनों मैच बडे अंतर से हार गया था.
सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने 2003 में ब्रिस्बेन में पहला टेस्ट ड्रॉ कराने के बाद एडिलेड में अगला टेस्ट मैच जीतकर पहली बार ऑस्ट्रेलियाई धरती पर किसी टेस्ट श्रृंखला में बढत बनायी. राहुल द्रविड (233) और वीवीएस लक्ष्मण (148) के शतकों के अलावा अनिल कुंबले और अजित अगरकर ने अच्छी गेंदबाजी करके भारत की जीत में अहम भूमिका निभायी थी. लेकिन मेलबर्न में बाक्सिंग डे टेस्ट मैच में भारतीय टीम नौ विकेट से हार गयी और सिडनी में आखिरी मैच में बेहतर स्थिति में होने के बावजूद स्टीव वा ने उसे जीत से वंचित कर दिया. इस तरह से यह श्रृंखला 1-1 से बराबर रही थी.
भारत का 2007-08 का दौरा हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच विवाद के कारण चर्चा में रहा था. अंपायरों के कुछ गलत फैसलों का भी भारत को खामियाजा भुगतना पडा जिससे वह मेलबर्न और सिडनी में पहले दो मैच हार गया. पर्थ में तीसरा मैच भारत ने 72 रन से जीता लेकिन एडिलेड टेस्ट ड्रॉ होने से परिणाम 2-1 से ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में रहा.
ऑस्ट्रेलिया ने इसके बाद 2011-12 में 4-0 से क्लीन स्वीप करके भारतीयों को करारा झटका दिया था क्योंकि भारत के लिये यह जीत का सबसे अच्छा अवसर माना जा रहा था. भारतीय बल्लेबाजी बुरी तरह नाकाम रहे जिसका आस्ट्रेलिया ने पूरा फायदा उठाकर बोर्डर ट्रॉफी अपने पास रखी. भारत ने एक साल बाद हिसाब बराबर करके 4-0 से क्लीन स्वीप किया लेकिन बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी बरकरार रखना विराट कोहली और महेंद्र सिंह धौनी जैसे खिलाडियों के नेतृत्व वाली टीम के लिये अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें