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पाक दूतावास पाक-साफ नहीं

पुष्परंजन ईयू-एशिया न्यूज के नयी दिल्ली संपादक आतंक के समंदर की ये सबसे छोटी मछलियां हैं, जो दुबई में पकड़ी गयीं और नेपाल में दिखाई गयी हैं. शम्सुल होदा, ब्रज किशोर गिरी, मुजाहिर अंसारी, उमेश कुमार कुर्मी, आशीष सिंह जैसे चार अभियुक्तों को जिस तरह नेपाल पुलिस ने पेश किया, उससे एक संदेश तो गया […]

पुष्परंजन

ईयू-एशिया न्यूज के नयी दिल्ली संपादक

आतंक के समंदर की ये सबसे छोटी मछलियां हैं, जो दुबई में पकड़ी गयीं और नेपाल में दिखाई गयी हैं. शम्सुल होदा, ब्रज किशोर गिरी, मुजाहिर अंसारी, उमेश कुमार कुर्मी, आशीष सिंह जैसे चार अभियुक्तों को जिस तरह नेपाल पुलिस ने पेश किया, उससे एक संदेश तो गया है कि आतंकवादी का कोई मजहब नहीं होता. आइएसआइ एजेंट शम्सुल होदा को दुबई से प्रत्यर्पण कराने में यूएइ सरकार की सक्रियता के कई अर्थ निकाले जा सकते हैं.

क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायेद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत सरकार के मुख्य अतिथि थे. उसी समय यह कहानी पक रही थी कि आतंक का एक अभियुक्त शम्सुल होदा दुबई में है. भारतीय विदेश मंत्रालय में मध्य-पूर्व मामलों को देखनेवाला डेस्क इस बात से यूएइ से आये उच्च स्तरीय मेहमानों को अवगत करा चुका था. होदा चूंकि नेपाल का नागरिक है और नेपाल सरकार पहले से उसके प्रत्यर्पण का आग्रह कर चुकी थी, इसलिए होदा को सीधा नयी दिल्ली नहीं भेजा जा सकता था.

होदा को इंटरपोल की मदद और यूएइ सरकार की सक्रियता से पकड़ा गया. इससे सहयोग के कई आयाम सामने आये हैं. पहला, प्रचंड सरकार भारत में वांछित आतंकी को पकड़ने में मदद कर सकती है.

दूसरा, यूएइ, मलयेशिया की पुलिस और जांच एजेंसियां आतंक के विरुद्ध अभियान में भारत का साथ दे सकती हैं. पर, सच यह भी है कि नेपाल सरकार कूटनीतिक लक्षमण रेखा के भीतर ही अपना काम कर रही है. काठमांडो स्थित पाक दूतावास जांच की परिधि से क्यों बाहर है, यह इस बात का सुबूत है.

इस कांड से पहले होदा को विश्वास एफएम 93.6 के मालिक के रूप में नेपाल का मीडिया जानता था. मीडिया में अक्सर चर्चा होती थी कि होदा के एफएम में आइएसआइ का पैसा लगा है. गिरफ्तार ‘शम्सुल होदा का एफएम’ अब भी ऑन एयर है. भारत के किसी हिस्से में नेट के जरिये ‘विश्वास एफएम’ को सुन कर पाठक इसकी पुष्टि कर सकते हैं. इसकी वजह क्या हो सकती है?

बारा जिला मुख्यालय स्थित नेपाली पत्रकार बताते हैं कि ‘विश्वास एफएम’ का मालिक होदा नहीं, कोई और है. मगर, विश्वास एफएम तराई के कलैया बाजार स्थित होदा के मकान में चल रहा है, वह कानपुर रेल कांड की जांच करनेवाली ‘एनआइए’ और नेपाल पुलिस के लिए जांच का विषय क्यों नहीं होना चाहिए? इससे पहले होदा को चुनाव हार चुके मधेस नेता, उद्यमी व एफएम चैनल के मालिक के रूप में लोग जानते थे.

प्रचंड सरकार के समय पाकिस्तान की भारत विरोधी गतिविधियां एकदम खत्म तो नहीं हुईं, कम जरूर हुई हैं. इससे असहज पाक राजदूत मजहर जावेद ने 13 दिसंबर, 2016 को चितवन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में बयान दिया था कि नेपाल को पाकिस्तान से मदद लेनी चाहिए.

किसी एक देश (भारत) पर निर्भर रहना ठीक नहीं. पाकिस्तान, नेपाल के तराई वाले इलाके में पोल्ट्री प्रोडक्शन में मदद देना चाहता है. दरअसल, मुर्गी पालन के बहाने आइएसआइ नये मुर्गों की बहाली चाहती है, जो सीमावर्ती बर्दिया से महोत्तरी तक नेपाल के चौबीस जिलों में उसके लिए काम कर सकें. मिल्लत-ए-इस्लामिया, मुस्लिम सेवा समिति, नेपाल मुस्लिम युवा सोसाइटी, अंजुमन-ए-इस्लाम, जेमिया-सेरा जुलूम सलाफिया, नेपाल इस्लामिक युवा संघ जैसी दर्जनों संस्थाओं को सऊदी अरब, मिस्र, बांग्लादेश, पाकिस्तान से पैसा क्या सिर्फ समाजसेवा के लिए आ रहा है? प्रचंड से पहले भी जो नेता सत्ता में थे, इसकी जांच से पल्ला झाड़ते रहे हैं.

रणनीतिक दृष्टि से पाकिस्तान का काठमांडो दूतावास कश्मीर में अलगाववाद को जगाये रखने के वास्ते अत्यंत अहम है. तीन दिन पहले का ताजा उदाहरण देते हैं, जब 5 फरवरी, 2017 को काठमांडो स्थित पाक दूतावास में ‘कश्मीर सॉलिडेरिटी डे’ मनाया गया. कश्मीर एकजुटता दिवस में नेपाल के कौन-कौन से महानुभाव शरीक थे, फेसबुक पर देख सकते हैं. मजहर जावेद से पहले कश्मीरी मूल के पाक राजदूत अरशद सऊद खोसा अक्सर काठमांडो के दरबार मार्ग स्थित कश्मीरी जामा मसजिद में दिखते थे. एम्बेसडर खोसा के रिटायर होने के बाद, बर्लिन दूतावास से काठमांडो आये मजहर जावेद ने ‘मिशन कश्मीर’ संभाल लिया है.

1961 में हस्ताक्षर किये विएना कन्वेंशन के अनुच्छेद 22 की बाध्यता है कि काठमांडो स्थित पाक दूतावास में कौंसिलर जावेद उमरानी, मिल्ट्री अताशी कर्नल अब्बास अली से आइएसआइ एजेंट शम्सुल होदा के बारे में नहीं पूछा जा सकता. होदा बिना ‘हैंडलर’ के कैसे काम कर सकता है?

मसलन, पाक दूतावास में फर्स्ट सेक्रेटरी अरशद चीमा 24 दिसंबर, 1999 को इंडियन एयरलांइस का विमान ‘आइसी-814’ के अपहरणकर्ताओं के ‘हैंडलर’ रह चुके थे, नेपाल पुलिस ने तब उन्हें हाथ नहीं लगाया. अप्रैल 2001 में एक ऐसा समय आया, जब अरशद चीमा, उनकी बेगम रूबीना चीमा, 16 किलो विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किये गये. चीमा, नेपाल से निकाले जानेवाले दूसरे पाक डिप्लोमेट थे!

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