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हत्यारोपित को आजीवन कारावास

कार्रवाई. धर्मेंद्र पर कोर्ट ने लगाया 1. 25 लाख का अर्थदंड दो अप्रैल, 2011 को भरत राय की गोली मारकर की गयी थी हत्या मृतक की पत्नी को देनी पड़ेगी अर्थदंड की 80 प्रतिशत राशि बक्सर, कोर्ट : भरत राय हत्याकांड में धर्मेंद्र दुबे को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. फास्ट ट्रैक कोर्ट […]

कार्रवाई. धर्मेंद्र पर कोर्ट ने लगाया 1. 25 लाख का अर्थदंड

दो अप्रैल, 2011 को भरत राय की गोली मारकर की गयी थी हत्या
मृतक की पत्नी को देनी पड़ेगी अर्थदंड की 80 प्रतिशत राशि
बक्सर, कोर्ट : भरत राय हत्याकांड में धर्मेंद्र दुबे को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. फास्ट ट्रैक कोर्ट टू के न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार सिंह ने गुरुवार को खचाखच भरे न्यायालय में गवाहों की गवाही सुनने के बाद यह फैसला सुनाया. इसके साथ ही एक लाख 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. न्यायालय ने यह भी आदेश सुनाया कि उक्त राशि में से 80 प्रतिशत राशि मृतक की पत्नी को देनी है. अगर पत्नी जिंदा नहीं हो, तो उस राशि को उसके बच्चों में वितरित कर दिया जाये.
बताते चलें कि न्यायालय ने उक्त हत्या में विगत 21 मार्च को आरोपित को दोषी पाया था. गौरतलब हो कि सोनवर्षा निवासी भरत राय दो अप्रैल, 2011 को बाजार से अपने भतीजे मनोज राय के साथ मोटरसाइकिल से वापस गांव लौट रहे थे कि इसी बीच पीछा कर रहे दो मोटरसाइकिलों पर सवार कुल छह लोगों ने दुधारचक मोड़ ब्रह्म स्थान पर रोक लिया तथा गोली मारकर हत्या कर दी. हत्या में सूचक मनोज राय ने तीन नामजद शेरू सिंह, मंटू मिश्रा एवं चंदन मिश्रा के अलावा चार अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
13 गवाहों की कलमदर्ज हुई गवाही : मामले की सुनवाई में सरकार की तरफ से कुल 13 गवाहों की गवाही दर्ज की गयी, जिसमें गुप्तेश्वर राय, कमलेश कुमार राय, मनोज राय(सूचक), बिंदु देवी, धर्मेंद्र राय, डॉ रामकुमार गुप्ता, शत्रुघ्न राय, रघुनाथ सिंह(आइओ), उपेंद्र मिश्रा, दारोगा यादव(थानाध्यक्ष औद्योगिक बक्सर), रामजी मिश्रा एवं कमल राय. मामले में सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक अशोक शर्मा एवं त्रिलोकी मोहन ने बहस में हिस्सा लिया.
गोरखपुर जेल से रिमांड पर लाया गया था अभियुक्त
भरत राय की हत्या के बाद दर्ज प्राथमिकी में आरोपित धर्मेंद्र दुबे का नाम शामिल नहीं था. इसी बीच बक्सर जिले में कई घटनाओं को अंजाम देने में कुख्यात आरोपित शेरू सिंह एवं चंदन मिश्रा की गिरफ्तारी हो गयी. जांच के क्रम में उन्होंने बताया कि उनकी संलिप्तता कई घटनाओं में रही है. इसी दौरान उन्होंने यह कबूल किया कि भरत राय हत्याकांड में उनके साथ गोरखपुर जेल में बंद धर्मेंद्र दुबे भी शामिल था, जिसके बाद पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए धर्मेंद्र को रिमांड पर गोरखपुर जेल से बक्सर सेंट्रल जेल लायी. आरोपित को पहचानने के लिए पुलिस द्वारा टीआइ परेड कराया गया, जिसमें धर्मेंद्र दुबे की पहचान सूचक ने किया. वहीं शेरू सिंह ने टीआइ परेड में शामिल होने से यह कह कर इनकार कर दिया कि उसका चेहरा जाना पहचाना है.

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