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नरेंद्र मोदी व कैलाश सत्‍यार्थी विश्व के सबसे महान नेताओं में शामिल : फॉर्चून

न्यूयार्क : फॉर्चून पत्रिका ने विश्व के 50 महानतम नेताओं की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नोबल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी को शामिल किया है. फॉर्चून ने व्यवसाय, सरकार एवं परोपकार के क्षेत्र में बदलाव करने वाले असाधारण पुरुषों एवं महिलाओं की इस वर्ष की अपनी वार्षिक सूची में प्रधानमंत्री मोदी को पांचवें […]

न्यूयार्क : फॉर्चून पत्रिका ने विश्व के 50 महानतम नेताओं की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नोबल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी को शामिल किया है. फॉर्चून ने व्यवसाय, सरकार एवं परोपकार के क्षेत्र में बदलाव करने वाले असाधारण पुरुषों एवं महिलाओं की इस वर्ष की अपनी वार्षिक सूची में प्रधानमंत्री मोदी को पांचवें और सत्यार्थी को 28वें स्थान पर जगह दी है. इस सूची में एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक शीर्ष पर हैं.

सूची में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को लगातार दूसरी बार जगह नहीं दी गयी है. फॉर्चून ने कहा कि घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर रहे ओबामा ने आत्मसमर्पण कर दिया है. फॉर्चून ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में कहा कि भारतीय नेता ने अपने चुनावी वादों पर वास्तव में अमल करना शुरू कर दिया है और वह भारत को व्यवसाय के अनुकूल बनाने के अपने प्रयासों में वास्तविक प्रगति कर रहे हैं.

इसके साथ ही वह महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने, स्वच्छता बढाने और अन्य एशियाई देशों एवं अमेरिका के साथ संबंधों को सुधारने पर भी ध्यान दे रहे हैं. पत्रिका ने कहा है कि मोदी को अब भी एक लंबा रास्ता तय करना है और उन्हें अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत की शक्तिशाली, व्यापक रूप से भ्रष्ट नौकरशाही में सुधार करना होगा. फॉर्चून ने कहा कि मोदी ने नौकरशाहों पर नजर रखनी शुरू कर दी है और वह जहां संभव हो सकता है, वहां कार्रवाई कर रहे हैं.

उन्होंने नौकरशाहों का दर्जा प्रतीकात्मक रूप से कम करते हुए और संभावित बाहरी निवेशकों का स्तर बढाते हुए भारत की यात्रा के लिए वीजा प्राप्त करने की प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है. पत्रिका ने आईएमएफ की इस भविष्यवाणी का जिक्र किया कि आगामी दो वर्षों में भारत चीन से अधिक तेजी से विकास करेगा. पत्रिका ने कहा, ‘मोदी के सामने अब भी भारत के सरकारी उद्योगों के विशाल पोर्टफोलियों के निजीकरण और श्रम बाजार को नियंत्रण मुक्त करने जैसी बडी चुनौतियां है.

लेकिन उन्हें लक्ष्य घोषित करके ही उन्होंने राष्ट्रीय एजेंडे का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है और संदेश भेजा है कि अब भारत के केवल इंफोटेक सेवा क्षेत्र ही नहीं अपितु संपूर्ण भारत के 21वीं सदी में शामिल होने का समय है. फॉर्चून ने सत्यार्थी के बारे में कहा कि पिछले वर्ष उनके साथ नोबल शांति पुरस्कार पाने वाली मलाला यूसुफजई के कारण उन पर अधिक ध्यान नहीं गया. उन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक बाल श्रम के खिलाफ वैश्विक संघर्ष का नेतृत्व किया.

किसी ने भी बाल हिंसा को रोकने के लिए इतना कार्य नहीं किया है जितना उन्होंने किया है. इस सूची में दूसरे स्थान पर यूरोपीय सेंट्रल बैक के अध्यक्ष मारियो ड्रागी और तीसरे स्थान पर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को जगह दी गयी है. इनके अलावा सूची में पोप फ्रांसिस (चार), जनरल मोटर्स की सीईओ मैरी बारा (नौ), स्टारबक्स के सीईओ हावर्ड शुल्ज (17), बिल एवं मेलिंडा गेट्स (18), फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (25), जे पी मोर्गन के सीईओ जैमी डिमोन (38) और उबर के सीईओ ट्रेविस कैलानिक (44) को शामिल किया गया है. सूची में लास्ट माइल हेल्थ के भारतीय मूल के सीईओ राज पंजाबी को 34वां स्थान दिया गया है.

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