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बीएसएल : बंद पड़े स्कूलों का होगा व्यावसायिक उपयोग

सत्र 2017-18 में सेल बोर्ड स्तर पर होगा निर्णय बीएसएल सहित सेल स्तर पर होगा एकीकृत निर्णय सुनील तिवारी बोकारो : बोकारो सहित सेल की विभिन्न इकाइयों में बंद पड़े स्कूलों का व्यावसायिक उपयोग होगा. नन रेसिडेंसियल बिल्डिंग का मामला कई वर्षों से सेल के पास लंबित है. बीएसएल सहित सेल की स्थिति फिलहाल ठीक […]

सत्र 2017-18 में सेल बोर्ड स्तर पर होगा निर्णय
बीएसएल सहित सेल स्तर पर होगा एकीकृत निर्णय
सुनील तिवारी
बोकारो : बोकारो सहित सेल की विभिन्न इकाइयों में बंद पड़े स्कूलों का व्यावसायिक उपयोग होगा. नन रेसिडेंसियल बिल्डिंग का मामला कई वर्षों से सेल के पास लंबित है. बीएसएल सहित सेल की स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है. सेल लंबे समय से खाली पड़े आवास को लाइसेंस पर देता है, जिससे राजस्व की प्राप्ति होती है. इसी तर्ज पर सेल खाली पड़े स्कूलों को लीज पर व्यावसायिक उपयोग के लिए देगा, जिससे राजस्व की प्राप्ति होगी. सत्र 2017-18 में सेल बोर्ड स्तर पर इसका निर्णय होने की संभावना है. बोकारो में 25 स्कूल बंद पड़े हुए है.
दिसंबर 2016 में निकला था एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट : सेल ने नगर सेवा व शिक्षा सेवा के लिए आउट सोर्स का मूड बना लिया है. इसके लिए दिसंबर 2016 में एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट निकाला गया था. इसके तहत बंद पड़े स्कूलों के व्यावसायिक उपयोग की बात कही गयी थी. बीएसएल के बंद पड़े स्कूलों में स्कूल-कॉलेज व उच्च शिक्षण संस्थान खोलने के लिए बोकारो के दर्जनों लोगों ने आवेदन दिया था. लेकिन, उसके बाद आज तक उस दिशा में बात आगे नहीं बढ पायी है. संभावना जतायी जा रही है कि नये वित्तीय वर्ष 2017-18 में सेल बोर्ड बंद पड़े स्कूलों को लीज पर देगा.
सेल बोर्ड के पास मामला लंबे समय से विचाराधीन : बीएसएल सहित सेल की विभिन्न इकाईयों में बंद पड़े स्कूलों व भवनों पर निर्णय सेल स्तर पर होगा. कारण, बीएसएल सहित कई अन्य प्लांटों में भी दर्जनों स्कूल लंबे समय से बंद पड़े हुए है. सेल बोर्ड के पास बंद पड़े स्कूलों का मामला लंबे समय से विचाराधीन है. बंद पड़े स्कूलों को सेल प्राइवेट पार्टी को व्यावसायिक उपयोग के लिए दे सकता है. स्कूलों पर मालिकाना हक बीएसएल व सेल का ही रहेगा. बंद पड़े स्कूल या भवन प्राइवेट पार्टी को लीज पर दिया जायेगा. इससे बीएसएल सहित सेल को राजस्व की प्राप्ति होगी.
90 के दशक में बीएसएल संचालित 46 स्कूल थे : वर्ष 1990 के दशक में विभिन्न सेक्टरों में बीएसएल संचालित 46 स्कूल थे. स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या भी बहुत थी. विद्यार्थी से स्कूल गुलजार था. स्टूडेंट्स की चहलकदमी स्कूल को जीवंत बनाती थी. शिक्षक स्कूल में गुरुकुल की अनुभूति देते थे. समय अपनी रफ्तार से चलते रहा. समय की प्रतिकूलता स्कूल पर नकारात्मक असर डालने लगा. धीरे-धीरे स्कूल अपने वजूद को लड़ने लगा. समय की मार ने स्कूल पर ताला जड़ दिया. 2015-16 वित्तीय सत्र खत्म होते-होते 25 स्कूल काल के गाल में समा गये.

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