Sri Lanka Crisis: श्रीलंका की संसद 20 जुलाई को नये राष्ट्रपति का चुनाव करेगी, जो गोटबाया राजपक्षे का स्थान लेंगे. संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने सोमवार को इसकी घोषणा की. यह फैसला सोमवार को सभी दलों के नेताओं की हुई एक अहम बैठक के दौरान लिया गया. दूसरी तरफ, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने श्रीलंका में सभी पक्षों से नयी सरकार के गठन के लिए बातचीत में शामिल होने का आह्वान किया है.
नयी सरकार बनने के बाद इस्तीफा दे देंगे रानिल विक्रमसिंघे
राष्ट्रपति राजपक्षे ने अभी तक औपचारिक रूप से इस्तीफा नहीं दिया है. हालांकि उन्होंने शनिवार को अध्यक्ष को सूचित किया था कि वह 13 जुलाई को पद छोड़ देंगे. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी कहा है कि नयी सरकार बनने के बाद वह भी पद छोड़ देंगे. अभयवर्धने ने कहा कि राजपक्षे का बुधवार को इस्तीफा मिलने के बाद, रिक्ति की घोषणा के लिए 15 जुलाई को संसद की बैठक बुलायी जायेगी और नामांकन स्वीकार करने के लिए 19 जुलाई को फिर संसद की बैठक होगी.
राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 20 जुलाई को होगा वोट
उन्होंने कहा कि नये राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 20 जुलाई को संसदीय मतदान होगा. राजपक्षे शनिवार को जनविद्रोह के बाद पार्टी नेताओं के इस्तीफे के अनुरोध को स्वीकार करते हुए पद छोड़ने के लिए तैयार हो गये. श्रीलंका के संविधान के तहत, यदि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ही इस्तीफा दे देते हैं, तो संसद अध्यक्ष अधिकतम 30 दिनों तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे.
30 दिन के भीतर होगा राष्ट्रपति का चुनाव
संसद 30 दिनों के भीतर अपने सदस्यों में से किसी एक का चुनाव करेगी, जो राष्ट्रपति गोटबाया के वर्तमान कार्यकाल के बाकी दो साल के लिए पदभार संभालेंगे. श्रीलंका अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है. श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की भारी कमी है, जिससे देश ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के जरूरी आयात के लिए भुगतान कर पाने में असमर्थ हो गया है. इन हालात के बीच जनता सड़कों पर है और देश में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं.
श्रीलंका में सभी पक्ष नयी सरकार के गठन के लिए बातचीत में शामिल हों
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस श्रीलंका के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं और उन्होंने सभी पक्षों से बातचीत में शामिल होने का आह्वान किया है, ताकि नयी सरकार गठित हो सके और देश के आर्थिक संकट का स्थायी हल निकाला जा सके. उनके प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी.
संयुक्त राष्ट्र की श्रीलंका पर है नजर
प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि महासचिव श्रीलंका के घटनाक्रम पर लगातार नजर रख रहे हैं और वह मुसीबत में घिरे श्रीलंका के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं. बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने सभी पक्षों से नयी सरकार सुनिश्चित करने और आर्थिक संकट का स्थायी हल खोजने के लिए बातचीत में शामिल होने का आह्वान किया है.
एंतोनियो गुतारेस ने हिंसक घटनाओं की निंदा की
महासचिव ने हिंसक घटनाओं की निंदा की और शांति कायम रखने के महत्व को रेखांकित करते हुए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया. उन्होंने जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र श्रीलंका और उसके लोगों का समर्थन करने के लिए तैयार है. श्रीलंका अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है.
7 दशक में सबसे खराब दौर से गुजर रहा श्रीलंका
बता दें कि 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की भारी कमी है, जिससे देश ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के जरूरी आयात के लिए भुगतान कर पाने में असमर्थ हो गया है. इन हालात के बीच जनता सड़कों पर है और देश में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं.