वाशिंगटन : अमेरिका ने आज इन अटकलबाजियों पर विराम लगा दिया कि प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिकी राजदूत नैंसी पावेल की कल की मुलाकात से मोदी पर से वीजा प्रतिबंध हट जायेगा.उसने जोर दिया कि 2002 के गुजरात दंगों के चलते मोदी के प्रति अमेरिका की जो नौ साल पुरानी वीजा नीति है उसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने यहां एक दैनिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, जब कोई व्यक्ति किसी (अमेरिकी) वीजा के लिए आवेदन करता है, उनके आवेदनों की समीक्षा अमेरिकी कानून और नीति के अनुरुप की जाती है. अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, यह (मोदी के साथ अमेरिकी राजदूत की मुलाकात का फैसला) किसी बदलाव का प्रतिबिंब नहीं है.
यह महज हिंदुस्तानी सरजमीन पर एक बैठक हो रही है. यह अधिकारियों की व्यापक श्रंखला तक पहुंच के अलावा किसी चीज का प्रतिबिंब नहीं है. अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन के मुद्दे पर अमेरिकी कानून के प्रावधानों के तहत 2005 में मोदी का वीजा निरस्त कर दिया था. अमेरिका ने अचानक पलटी खाते हुए अहमदाबाद में भाजपा नेता के साथ नैंसी की मुलाकात का आग्रह किया.
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह कहते हुए मोदी के साथ नैंसी की प्रस्तावित मुलाकात को यह कहते हुए ज्यादा अहमियत नहीं दी कि यह भारतीय नेताओं के साथ बढ़ते संवाद का एक हिस्सा है.
अमेरिकी ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मोदी के बहिष्कार खत्म करने के फैसले में शामिल नहीं हैं.
अमेरिका ने यह भी साफ कर दिया कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में किसी की तरफदारी नहीं कर रहा है. जेन ने गांधीनगर में मोदी से नैंसी की प्रस्तावित मुलाकात का औचित्य जताते हुए कहा कि इस फैसले की प्रक्रिया में सभी जरूरी लोग शामिल थे.
बहरहाल, अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने यह पुष्टि नहीं की कि क्या मोदी के साथ नैंसी की मुलाकात के इस फैसले में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा या अमेरिकी विदेश मंत्री जान केरी शामिल थे.