इस्लामाबादः पाकिस्तान तालिबान के साथ विफल वार्ता के संबंध में एक और मौका दिए जाने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों के साथ शांति वार्ता की देखरेख के लिए एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया.
इसके साथ ही शरीफ ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उन्हें हमले रोकने होंगे जिनमें हाल ही में तेजी आयी है. शरीफ के बयान पर तालिबान के प्रवक्ता शाहिदुल्ला शाहिद ने कहा कि उसका संगठन शूरा की बैठक में सरकार के फैसले पर विचार करेगी और अगले कुछ दिनों में इस मामले पर फैसला किया जाएगा.
शाहिद ने कहा, ‘‘हम सरकार की ओर दिखाई गई गंभीरता के आधार पर सार्थक बातचीत के लिए तैयार हैं.’’ शरीफ ने नेशनल असेम्बली में कहा, ‘‘ इस स्थिति को अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. शांति कोई पसंद नहीं है बल्कि हमारा लक्ष्य है किसी भी सूरत में शांति स्थापित की जाएगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आतंकी हमले बंद होने चाहिए. आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते.’’ उन्होंने इसके साथ ही कहा कि इस मामले में पूरी सरकार एक मत है.उन्होंने कहा, ‘‘ हम शांति को एक और मौका देना चाहते हैं.’’ शरीफ ने कहा कि आल पार्टी कांफ्रेंस ने फैसला किया है कि वार्ता होगी.