वाशिंगटन : ओबामा प्रशासन के एक पूर्व आला अधिकारी ने कहा है कि वीजा धोखाधड़ी के आरोपों में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे की गिरफ्तारी को अमेरिका द्वारा बार बार इकलौती घटना बताना और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर इसका असर नहीं पड़ने की बात कहना सोच-समझकर दिया गया बयान है.
विदेश विभाग के पूर्व प्रवक्ता पी जे क्राउले ने कहा, ‘‘विदेश विभाग के लिहाज से नजरिया यह रहा है कि इस मामले को भारत अमेरिका के व्यापक रिश्तों से अलग रखना चाहिए. मुझेलगता है कि यह सोचा-समझकर तय किया गया नजरिया है.’’ उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से गलत निर्णय लिये गये.
मई, 2009 से मार्च, 2011 तक सार्वजनिक मामलों के सहायक विदेश मंत्री रहे क्राउले ने पीटीआई से कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा करने वाले इस मुद्दे से दोनों पक्ष अलग तरह से निपट सकते थे.
न्यूयार्क में भारत की उप महावाणिज्यदूत और 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी देवयानी खोबरागडे को अपनी आया संगीता रिचर्ड के लिए वीजा आवेदन में झूठी घोषणाएं करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 2,50,000 डॉलर के बांड पर छोड़ा गया था.
क्राउले ने कहा कि इस घटनाक्रम पर भारत की प्रतिक्रिया काफी कुछ अपेक्षित थी.
भारत-अमेरिका के रिश्तों को बहुत बहुत सकारात्मक बताते हुए क्राउले ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से मेरे विचार से यह एक ऐसा संकट है जिससे बचा जा सकता था. अब इसे बहुत जल्दी सुलझाना मुश्किल होगा.’’