कुआलालंपुर : आज यहां सम्मेलन के इतर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे से मुलाकात के समय भारतीय तिरंगे का अपमान किया गया. सम्मेलन कक्ष के बाहर जापान और भारत का राष्ट्रीय झंडा लगाया गया था. वहां भारत का तिरंगा उल्टा लगा हुआ था. जापान के प्रधानमंत्री इस स्थान पर पहले से खड़े थे. उन्होंने उलटे झंडे को देखा और काफी देर तक उसे देखते रहे. शायद वह यह समझने का प्रयास कर रहे थे कि यहां कुछ गड़बड़ तो नहीं. इसी दौरान एक वाहन से प्रधानमंत्री मोदी उतरे. मोदी का ध्यान झंडे की ओर नहीं गया. उसके बाद दोनों नेताओं ने एक दूसरे से मुलाकात की हाथ मिलाया और सम्मेलन कक्ष की ओर चले गये. मुलाकात के दौरान अबे ने कहा कि दुनिया में किसी द्विपक्षीय संबंधों की तुलना में भारत-जापान संबंधों में सबसे अधिक संभावनाएं है.
दोनों नेताओं ने आज मलेशिया की राजधानी में 13वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने ट्विट किया, ‘दोपहर के भोजन पर पुराने मित्र से मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने दूसरी द्विपक्षीय वार्ता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेजबानी की.’ इससे पहले मोदी ने अपने चीनी समकक्ष ली क्विंग से मुलाकात की. विकास स्वरुप ने अबे का हवाला देते हुए कहा, ‘दुनिया में किसी द्विपक्षीय संबंधों की तुलना में भारत-जापान संबंधों में सबसे अधिक संभावनाएं है.’
दोनों नेताओं के बीच यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब जापानी प्रधानमंत्री अबे 11 दिसंबर को द्विपक्षीय वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने वाले हैं. इस दौरान एशिया की इन दो बडी आर्थिक शक्तियों के संबंधों के और प्रगाढ बनने की उम्मीद है. 9वीं भारत-जापान शिखर वार्ता में मोदी और अबे पिछले एक वर्षो में संबंधों, विशेष तौर पर कारोबार और निवेश के क्षेत्र में किये गये फैसलों के लागू होने की समीक्षा कर सकते हैं. मोदी ने पिछले वर्ष 30 अगस्त से 2 सितंबर तक जापान की यात्रा की थी और उस दौरान जापान ने पांच वर्षो में भारत में निजी और सार्वजनिक निवेश दोगुणा करने और इसे 34 अरब डालर तक पहुंचाने की घोषणा की थी.