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अमेरिकी वायु सेना के पास ड्रोन संचालन के लिए स्वयंसेवियों की कमी

वाशिंगटन : अमेरिकी वायु सेना स्वयंसेवियों के अभाव के चलते ड्रोन संचालन में सक्षम पायलटों की कमी को पूरा करने में सफल नहीं हो पा रही है.वायु सेना के कर्नल बैड्रली होगलैंड ने ब्रुकिंग्स इंस्ट्यिशन थिंक टैंक के लिए प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा है कि रोबोटिक बेड़े के बढ़ते महत्व के बावजूद ड्रोन संचालकों को […]

वाशिंगटन : अमेरिकी वायु सेना स्वयंसेवियों के अभाव के चलते ड्रोन संचालन में सक्षम पायलटों की कमी को पूरा करने में सफल नहीं हो पा रही है.वायु सेना के कर्नल बैड्रली होगलैंड ने ब्रुकिंग्स इंस्ट्यिशन थिंक टैंक के लिए प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा है कि रोबोटिक बेड़े के बढ़ते महत्व के बावजूद ड्रोन संचालकों को उच्च पदों पर पदोन्नति के पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाते और सेना वायु यान संचालकों की इस नई श्रेणी को पहचानने तथा इससे संबंधित सुधार करने में विफल रही है.

रिपोर्टमें कहा गया है कि वायु सेना ‘‘आरपीए :रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट: प्रशिक्षण जरुरतों को पूरा कर पाने में सक्षम नहीं है क्योंकि पर्याप्त स्वयंसेवी नहीं हैं.’’पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार अमेरिकी वायु सेना के पास 1300 ड्रोन पायलट हैं जो बल के वायु यान चालकों का 8.5 प्रतिशत हैं, जबकि चार साल पहले यह आंकड़ा 3.3 प्रतिशत था.मानवरहित विमानों के बेड़े में 152 प्रीडेटर, 96 रीपर और 23 ग्लोबल हाक्स शामिल हैं जो 61 लड़ाकू गश्ती हवाई उड़ानों के लिए पर्याप्त हैं.

लेकिन गश्ती अभियानों को विस्तारित करने की आवश्यकता वायु सेना द्वारा इस प्रणाली के संचालन के लिए कर्मियों को प्रशिक्षित करने की गति से भी ज्यादा तेज गति से बढ़ रही है.पिछले पांच सालों में अन्य सैन्य बलों के मुकाबले ड्रोन पायलटों की पदोन्नति की दर 13 प्रतिशत कम रही है.

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