वॉशिंगटन: अमेरिका भारत के साथ मजबूत रिश्ते की उम्मीद कर रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी अमेरिका की इसी उम्मीद के साथ भारत से बेहतर संबंध की संभावनाओं को तलाशने में जुटे है. देश में नयी सरकार के मद्देनजर अमेरिका बदले परिवेश में अपने रिश्ते और मजबूत करने की ओर कदम बढ़ा रहा है. भारत के साथ अमेरिकी रिश्ते को गहरा बनाने को रणनीतिक अनिवार्यता करार देते हुए जॉन केरी ने कहा, द्विपक्षीय संबंधों को एक ऐसी ऐतिहासिक साझेदारी में बदलने का वक्त आ गया है.
जिससे दुनिया के लिए ज्यादा समृद्ध भविष्य बनाया जा सके. दुनिया के सबसे बडे और सबसे पुराने लोकतांत्रिक देशों के बीच एक दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी का खाका पेश करते हुए केरी ने कहा कि अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को गहरा करना एक रणनीतिक अनिवार्यता है. केरी भारत में चुनावों के बाद नयी सरकार के बनने और उसके बाद पैदा हुए हालात की तरफ इशारा कर रहे थे. नयी सरकार के बारे में केरी ने कहा कि उसे बदलाव लाने के लिए लोगों ने ऐतिहासिक जनादेश दिया है.
आगामी 31 जुलाई को भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ पांचवीं भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता की सह-अध्यक्षता करने के लिए कल नयी दिल्ली रवाना हो रहे केरी ने कहा, ‘‘यह संभावनाओं से भरे बदलाव का समय है और हम आपस में पैदा किए जा सकने वाले मौकों पर काम करके दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारत और अमेरिका दुनिया के लिए ज्यादा समृद्ध भविष्य बना सकते हैं.’’ भारत और अमेरिका के संबंधों के ‘‘अभी और फलने-फूलने’’ का जिक्र करते हुए केरी ने कहा, ‘‘भारत के साथ हमारे रिश्तों में यह संभावनाओं भरे बदलाव का समय है.’’ केरी ने कहा कि दोनों देशों को जलवायु परिवर्तन से लेकर स्वच्छ उर्जा एवं अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने पडोसी देशों के साथ शांति स्थापित करने और रिश्तों को सुधारने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की तारीफ की. केरी ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शपथ-ग्रहण समारोह में आमंत्रित कर मोदी ने अपने दक्षिण एशियाई पडोसी के साथ शांति स्थापित करने और दोस्ती कायम करने की दिशा में ‘‘पहला कदम’’ बढाया है.
केरी ने कहा, ‘‘अमेरिका और भारत 21वीं सदी के लिए अपरिहार्य साङोदार हो सकते हैं और ऐसा होना चाहिए. इस द्विपक्षीय संबंध की गतिशीलता एवं उद्यमी भावना दुनिया की कुछ सबसे बडी चुनौतियां सुलझाने के लिए जरुरी हैं.’’ केरी के साथ अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रित्जकर के अलावा उर्जा विभाग, गृह सुरक्षा विभाग और नासा सहित कई एजेंसियों के अधिकारी भी भारत जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यभार संभालने के बाद से यह अमेरिका का कैबिनेट स्तर का पहला नयी दिल्ली दौरा होगा. केरी ने ‘दि यूनाइटेड स्टेट्स एंड इंडिया ए शेयर्ड विजन फॉर 2020 एंड बियोंड’ नाम के एक व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत की नयी सरकार की योजना ‘सबका साथ, सबका विकास’ है. हम इस सोच का समर्थन करते हैं.’’