सिंगापुर : भारतीय और चीनी प्रवासी सिंगापुर में बढते भेदभाव का सामना कर रहे हैं, जहां वेबसाइट पर जारी विज्ञापनों में ‘भारतीय नहीं, चीनी नहीं’ कहा जा रहा है. मीडिया में आई एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय और चीनी प्रवासियों के खिलाफ पूर्वाग्रह से कितने विदेशी कामगार प्रभावित हुए हैं. हालांकि, कई प्रवासियों ने विभिन्न तरह का भेदभाव होने की बात कही है. एक भारतीय प्रवासी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि उसके एजेंट ने उससे कहा कि कई मकान मालिक उन्हें किराये पर मकान देने से मना कर रहे हैं क्योंकि भारतीय हमेशा ही गंध करने वाली ‘करी’ पकाते हैं.
एक एस्टेट एजेंट ने इसी तरह की बात बताते हुए कहा कि मकान मालिक भारतीय और चीनी किरायेदारों को किराये पर मकान देने को कम इच्छुक हैं क्योंकि उनका मानना है कि ये लोग उनकी परिसंपत्ति को ठीक से नहीं रखेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक 24 अप्रैल को प्रापर्टीगुरु वेबसाइट पर हाउसिंग के 160 से अधिक विज्ञापन थे जिनमें स्पष्ट रुप से कहा गया था कि मकान मालिक भारतीयों या चीनियों को किराए पर मकान देने को इच्छुक नहीं है. गौरतलब है कि सिंगापुर विविधताओं का एक राष्ट्र है जहां 74 फीसदी चीनी, 13 फीसदी माली :माले के रहने वाले:, 9 फीसदी भारतीय और 3 फीसदी अन्य लोग हैं.