वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान भारत और भारतीय मूल के अमेरिकियों के अमेरिका के साथ संबंध मजबूत रहेंगे क्योंकि वह व्हाइट हाउस में उनके ‘अच्छे मित्र’ होंगे. ट्रंप की संचार टीम में कार्यरत 32 वर्षीय राज शाह ने कहा कि ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में और राष्ट्रपति पद के एक उम्मीदवार के रूप में भारतीय मूल के अमेरिकियों को रिपब्लिकन पार्टी की ओर आकर्षित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किये क्योंकि उनमें से अधिकतर डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक थे.
शाह ने कहा, ‘(और) इसने काम किया.’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि ये राष्ट्रपति का भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय तक बहुत अच्छी पहुंच है, चुनाव प्रचार में और उसके बाद भी.’ उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारतीय मूल की अमेरिकी निक्की हेली को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया जो एक कैबिनेट पद होता है. ट्रंप के कार्यकाल में भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय के लिए यह पहला कदम था.’
शाह ने कहा, ‘ट्रंप की जो पहली अंतरराष्ट्रीय बातचीत हुई उसमें (भारत के) प्रधानमंत्री के साथ बातचीत शामिल है. इसलिए मेरा मानना है कि राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका-भारत संबंध और भारतीय मूल के अमेरिकियों द्वारा अमेरिका के प्रति किये गये योगदान के महत्व को समझते हैं.’
शाह के अभिभावक 1980 के दशक में अमेरिका पहुंचे थे. शाह व्हाइट हाउस पहुंचने से पहले रिपब्लिकन नेशनल कमेटी में डायरेक्टर आफ अपोजिशन रिसर्च थे. शाह ने अनुसंधानकर्ताओं की उस टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के बारे में सूचना जुटाने का काम किया था.
राष्ट्रपति चुनाव के दौरान वह क्लिंटन विरोधी अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे और कहा जाता है कि इसका इनाम उन्हें इतनी कम आयु में व्हाइट हाउस में प्रवेश के तौर पर मिला. उन्होंने कहा कि भारतीय मूल के अमेरिकियों के लिए ट्रंप का एजेंडा अच्छा रहेगा.
शाह ने कहा, ‘ट्रंप की जिस तरह की आर्थिक दृष्टि है, आर्थिक सुधारों पर जिस तरह का जोर है और जिस तरह से वह लालफीताशाही, नियमों का जाल काटने और हमारी स्वास्थ्यसेवा व्यवस्था ठीक करने पर जोर दे रहे हैं. इन सभी चीजों का भारतीय मूल के अमेरिकियों सहित सभी अमेरिकियों पर बड़ा असर पडेगा.’ उन्होंने कहा कि ट्रंप के तौर पर भारत और भारतीय मूल के अमेरिकियों का व्हाइट हाउस में एक सर्वश्रेष्ठ मित्र है.
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि ट्रंप प्रशासन के तहत भारत और अमेरिका के बीच एक मजबूत संबंध रहेगा, ऐसा संबंध जो कि परस्पर सम्मान पर निर्मित होगा.’ शाह ने यद्यपि यह भी स्वीकार किया कि वह कोई नीति सलाहकार नहीं हैं. शाह ने कहा, ‘दोनों पक्षों के परस्पर सरोकार से जुडे कई क्षेत्र हैं, चाहे वह आतंकवाद निरोध हो, व्यापार या अन्य मुद्दे हों। काफी कुछ करने को है और काफी कुछ किया जाएगा. मैं भारत के साथ संबंध सुधारने की इस प्रशासन की प्रतिबद्धता को लेकर काफी आशांवित हूं.’