नयी दिल्ली : वर्ष 2017-18 के सालाना आम बजट से ठीक एक दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले तीन अहम खतरों के प्रति अंदेशा जाहिर की है. इसमें उन्होंने नोटबंदी को देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के विकास में बाधा उत्पन्न करने वाला सबसे बड़ा खतरा बताया है. इस बीच, वित्त मंत्री जेटली ने मंगलवार को संसद में आर्थिक समीक्षा पेश करने के दौरान देश के जीडीपी वृद्धि 6.75 फीसदी से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान भी बताया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आर्थिक समीक्षा पेश करते हुए आर्थिक विकास के तीन अहम खतरों को लेकर अंदेशा जाहिर करते हुए बताया कि नोटबंदी वित्त वर्ष 2017-18 के जीडीपी वृद्धि की राह में सबसे बड़ा खतरा है. इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी को दूसरा बड़ा खतरा करार दिया है. उन्होंने इन दोनों खतरों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा होने के बाद रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों में कमी करने के मामले को टालने का भी अंदेशा जाहिर करते हुए इसे तीसरा सबसे बड़ा खतरा बताया है.
उन्होंने संसद को यह भी बताया है कि नोटबंदी के बाद देश में उपजे नकदी संकट का असर कृषि क्षेत्र पर व्यापक स्तर पर पड़ेगा. इससे उसके उत्पादन और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.1 फीसदी रहेगी. 2015-16 में यह 1.2 फीसदी रही थी.