क्वेटा : बलूचिस्तान हाईकोर्ट (बीएचसी) ने पूर्व पाकिस्तानी तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ को चेतावनी दी कि वर्ष 2006 में सैन्य अभियान में बलूच राष्ट्रवादी नेता नवाब अबबर बुगती की मौत के सिलसिले में यदि वह पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ रेड वारंट जारी किया जाएगा.
न्यायमूर्ति जमाल मंडोखेल और न्यायमूर्ति जहीरुद्दीन काकर की खंडपीठ नवाब अकबर बुगती के बेटे नवाबजदा जामिल अकबर बुगती की अर्जी पर सुनवाई कर रही है जिन्होंने इस मामले में 73 वर्षीय पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति को बरी किये जाने को चुनौती दी है.
बीएचसी ने मुशर्रफ के वकील से एक सटीक तारीख बताने को कहा जिस पर उनके मुवक्किल अदालत में पेश होंगे. पूर्व राष्ट्रपति के वकील अख्तर शाह ने दरख्वास्त की कि उनके मुवक्किल अदालत में पेश होंगे लेकिन उनकी सुरक्षा की गारंटी दी जाए तथा उसका मेडिकल चेक अप पूरा हो जाए.
शाह ने कहा कि 23 मार्च, 2017 को उनके मुवक्किल देश लौट रहे हैं और वह अदालती कार्यवाहियों में शामिल होंगे. न्यायमूर्ति जमाल मडोखेल ने कहा, ‘‘हम दो महीने का वक्त देंगे लेकिन उनकी मौजूदगी पक्की कीजिए.” पिछली सुनवाइयों के दौरान बुगती के वकील ने कहा था कि बार बार आदेश दिये जाने के बावजूद मुशर्रफ अदालत में पेश नहीं हुए.
इस साल के प्रारंभ में एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने बलूच नेता नवाब अकबर खान बुगती की हत्या के मामले में मुशर्रफ को बरी कर दिया था. बुगती के बेटे ने इस फैसले को चुनौती दी थी. बलूचिस्तान के कोहलू जिले में 26 अगस्त, 2006 को एक सैन्य अभियान में नवाब अकबर बुगती मारे गए थे.