इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने उरी आतंकवादी हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र इस घटना की स्वतंत्र जांच करवाए. इस संदर्भ में सीनेट में एक प्रस्ताव पारित किया गया. पाकिस्तानी संसद के उपरी सदन सीनेट में सदन के नेता राजा जफरुल हक ने यह प्रस्ताव पेश किया. सर्वसम्मति से पारित इस प्रस्ताव में कहा गया है कि सदन कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता प्रकट करता है. इस बीच, पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ दिए गए बयानों का संज्ञान लेना चाहिए.
रावलपिंडी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए खान ने आरोप लगाया कि भारत ‘पाकिस्तान को अस्थिर’ करने के लिए गोपनीय ढंग से प्रयास कर रहा है. इससे पहले, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों पर सलाहकार सरताज अजीत ने आरोप लगाया कि भारत हमेशा ही मामले की जांच किये बिना ही पाकिस्तान पर आरोप लगाता है.
बीबीसी उर्दू ने अजीज के हवाले से कहा, ‘‘तथ्यों का पता लगाने के लिए एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाना चाहिए.” उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आधारहीन आरोप लगाये हैं.” उन्होंने कहा कि ऐसे किसी हमले से न तो पाकिस्तान को लाभ होता है न ही कश्मीर को. उन्होंने कहा कि हमले कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा किये जाने वाले मानवाधिकार उल्लंघनों से विश्व का ध्यान बंटाते हैं.
गत 18 सितम्बर को जम्मू कश्मीर के उरी में सैन्य शिविर पर हुए आतंकवादी हमले में 18 सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत और पाकिस्तान में कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है. पाकिस्तान ने हमले में अपनी संलिप्तता के आरोपों को खारिज कर दिया है और संयुक्त राष्ट्र महासभा में दोनों देशों ने एकदूसरे पर निशाना साधा है.