झारखंड की महिला पंचायत प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल केरल की पंचायती राज व्यवस्था को जानने, समझने व वहां की अच्छी चीजों को सीखने के लिए 20 जनवरी को केरल के चार दिवसीय दौरे पर गया था. यूनिसेफ के झारखंड प्रमुख जॉब जकारिया के नेतृत्व वाले इस दल में 18 महिला पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुईं. प्रतिनिधिमंडल में देवघर जिला परिषद की अध्यक्ष किरण कुमारी, खूंटी की जिप अध्यक्ष मायलीना तोपनो, धनबाद की हरिणा पंचायत की मुखिया रिंकु देवी, सिमडेगा की प्रखंड प्रमुख दिव्या बारला, रामगढ़ की अर्चना महतो सहित अन्य महिला पंचायत प्रतिनिधि शामिल थीं.
दल ने केरल के त्रिशुर जिले के विभिन्न पंचायत निकायों का दौरा किया और वहां के पंचायत प्रतिनिधियों से बातचीत कर अनुभव को साझा किया. टीम ने एर्नाकुलम जिले के पंचायत कार्यालयों का भी दौरा किया. इस दौरान पंचायत व्यवस्था के विभिन्न पक्षों की जानकारी दी गयी.
टीम ने मुंडाथीकोड पंचायत का भी दौरा किया. यह पंचायत हर साल विभिन्न प्रकार के टैक्स के माध्यम से एक करोड़ रुपये संग्रहित करती है. इसमें गृह कर, व्यवसाय कर, दुकानों का लाइसेंस शुल्क आदि शामिल है. इस पंचायत के पास अपना इंडोर स्टेडियम व शॉपिंग कांप्लेक्स भी है. झारखंड की महिला पंचायत प्रतिनिधि वहां की ग्राम पंचायतों के कार्यालय, कर्मियों की संख्या व अन्य आधारभूत संरचना को देख कर प्रभावित हुईं.
टीम ने वहां की महिलाओं के सशक्तीकरण, जलछाजन आदि से संबंधित परियोजनाओं को भी देखा. टीम में शामिल महिला पंचायत प्रतिनिधि केरल के विकास कार्यो से काफी उत्साहित हैं और उनमें से ज्यादातर केरल की पंचायतों की तरह ही अपनी पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद क्षेत्र का विकास करना चाहती हैं. बाल मित्र पंचायतें बनाने व पंचायत के लिए वार्षिक विकास योजना तैयार करने को लेकर भी राज्य की पंचायत प्रतिनिधियों ने उत्साह दिखाया. टीम में झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर के समन्वयक डॉ विष्णु राजगढ़िया, यूनिसेफ के प्रोग्राम ऑफिसर कुमार प्रेमचंद व अन्य अधिकारी भी शामिल थे.