18.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भारत में सुपरस्टार,विदेशी सरजमीं पर अपमानित

भारतीय सिनेमा अब अपनी ग्लोबल पहचान बना रहा है. इसके सितारों की लोकप्रियता अब देश ही नहीं, बल्कि विदेशी सीमाओं के पार पहुंच चुकी है. भारतीय फिल्मों के चेहरे सात समंदर पार भी लोगों के चहेते हैं. उनका बड़ा दर्शक वर्ग है. फिर भी आये दिन ऐसी खबरें सुनने-देखने को मिलती हैं, जो एक अलग […]

भारतीय सिनेमा अब अपनी ग्लोबल पहचान बना रहा है. इसके सितारों की लोकप्रियता अब देश ही नहीं, बल्कि विदेशी सीमाओं के पार पहुंच चुकी है. भारतीय फिल्मों के चेहरे सात समंदर पार भी लोगों के चहेते हैं. उनका बड़ा दर्शक वर्ग है. फिर भी आये दिन ऐसी खबरें सुनने-देखने को मिलती हैं, जो एक अलग ही हकीकत से हमें रुबरू करवाती हैं. विदेशी सरजमीं पर बॉलीवुड सिलेब्रेटीज के साथ भेदभावपूर्ण रवैये पर उर्मिला कोरी की रिपोर्ट.

साउथ के सुपरस्टार कमल हासन भी नस्लभेद की परेशानी से 2011 में दोचार हुए थे. जब वह अपनी एक फिल्म की तैयारी के लिए कनाडा पहुंचे, इमीग्रेशन ऑफिसर्स उनके नाम के साथ ‘हासन’ जुड़ा होने की वजह से उनसे जबरदस्त तरीके से पूछताछ करने लगे. उन्हें कई घंटे एयरपोर्ट पर बिताने पड़े थे. इस मामले पर कमल हासन ने कहा कि मुझेखुशी है कि मेरा नाम हिंदू-मुसलिम एकता का प्रतीक है. मेरे पिता की यह सोच थी, इसलिए मैं चाहे कितनी बार भी इस तरह के भेदभाव का शिकार क्यूं न होऊं, मैं अपने नाम के आगे से ‘हासन’ नहीं हटाऊंगा.

मनोरंजन की दुनिया में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने म्यूजिक से धूम मचानेवाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा भले ही ग्लोबल सेलेब्रिटी बन गयी हैं, लेकिन उन्हें भी कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है जिस तरह एक आम भारतीय विदेशी जमीं पर दो-चार होते हैं. वह समस्या है नस्लवाद की. हाल ही में उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि एक फुटबॉल मैच के दौरान जब उन्होंने अपने गाने ‘माई सिटी’ पर परफॉर्म किया, उसके बाद वहां के लोगों ने उन्हें ‘अरबी आतंकवादी’ करार दिया. बकायदा सोशल साइट पर उन्हें नफरत से भरे संदेश मिलने लगे. संदेश में लिखा था- तुम एक अरबी आतंकवादी हो और तुम्हारा यहां कोई काम नहीं. यहां से चली जाओ. तुम अमेरिकन टीवी से दूर रहो.

हालांकि इस पूरे वाकये पर प्रियंका ने हिम्मत दिखायी है. उनका कहना है कि आप सफलता के जितने करीब होते हैं, आपकी मुश्किलें उतनी बढ़ जाती हैं. इसका एक ही समाधान है कि आप इन चीजों से दूर रहें और खुद को काम पर फोकस करें. वैसे देश-विदेश में लोकप्रिय भारतीय कलाकारों के साथ यह भेद-भाव नया नहीं है. प्रियंका के अलावा इस भेद-भाव का शिकार हमेशा ही शाहरुख खान होते आये हैं. बॉलीवुड का यह ग्लोबल स्टार अमेरिका के इमीग्रेशन ऑफिस में अब तक दो से अधिक पर मानसिक रूप से शोषित हो चुका है. इसी कड़ी में अभिनेता नील नितिन मुकेश का नाम भी उस वक्त (2009) जुड़ गया जब अमेरिका के इमीग्रेशन ऑफिशियल नील के गोरे रंग को देख कर यह मानने को तैयार नहीं हुए कि वह भारतीय हैं.

नील बताते हैं कि जब मैंने उन्हें बताया कि मैं एक्टर हूं. आप गूगल पर देख लीजिए. उन्होंने देखा भी कि मैं भारतीय एक्टर हूं, इसके बाद भी उन्होंने मुङो जाने नहीं दिया. पूछताछ करने लगे. नस्लवाद का शिकार न्यूयॉर्क में नील के को-स्टार जॉन अब्राहम भी हुए हैं. शूटिंग के दौरान उन्हें एक स्थानीय जगह पर सिर्फ इसलिए नहीं जाने दिया गया, क्योंकि उनका रंग सांवला था जबकि कैट और नील को आसानी से एंट्री मिल गयी. वैसे जॉन के साथ फिल्म दन दना दन गोल की शूटिंग के वक्त भी ऐसा हुआ था. शूटिंग ब्रिटेन में हुई थी और फिल्म के कई चेहरे अंगरेज थे. जॉन ने पाया कि उनके लिए भारतीय मतलब गरीब और पिछड़े हुए लोग हैं, जिन्हें वे सम्मान की दृष्टि से नहीं देखते हैं. इसी वजह से इरफान खान ने अपना सरनेम हटा लिया है. वह सिर्फ इरफान नाम से पहचाना चाहते हैं, अपने धर्म से नहीं.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel