दिल्ली से छपे अख़बारों में गुजरात में दलितों के आंदोलन, कश्मीर को ज़्यादा स्वायत्ता की मांग और मुंबई में दलित लड़के की पीट-पीटकर हत्या कर देने की ख़बरों की चर्चा है.
अख़बारों ने बसपा नेता मायावती के बारे में भाजपा के यूपी उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की आपत्तिजनक टिप्पणी और फिर सियासी बवाल पर भी ख़बरें छापी हैं.
इसके अलावा छपी प्रमुख ख़बरों हैं- ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के लिए बिल को मंज़ूरी और एफ़टीआईआई के छात्र कहेंगे, ‘नहीं करेंगे फ़ैकल्टी, बड़ों और स्टाफ़ का अपमान’.
हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार ने लिखा है कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल ने एक इंटरव्यू में कहा है कि भाजपा का उद्देश्य है ‘बांटो और राज करो’.
हार्दिक पटेल के हवाले से अख़बार ने छापा है कि दलितों के साथ जो गुजरात में हो रहा है, वो सरकार के खिलाफ़ गुस्से की वजह से हो रहा है. भाजपा ने हमेशा हिंसा को बढ़ावा दिया है, 2002 के दंगे इसका उदाहरण हैं. उन्होंने दलितों के लिए समर्थन जताया है.
इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि दलितों के प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल जब मोटा समधियाड़ा गांव में एक कमरे में रहने वाले बालू सर्वैया से मिलीं तो उन्होंने मुआवज़ा नहीं लिया और कहा- ‘न्याय चाहिए.’
बालू सर्वैया, उनकी पत्नी और दो बेटों को कथित तौर पर गौरक्षक दल के सदस्यों ने पीटा था.
बालू सर्वैया के चाचा करसन ने अख़बार को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि वो पीढ़ियों से मरे हुए जानवर की खाल निकाल रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि ये उनका पारंपरिक पेशा है, लेकिन अब वो डर गए हैं और पशुओं के शवों को हाथ भी नहीं लगाएंगे.
इंडियन एक्सप्रेस ने मुंबई की एक ख़बर छापी है जिसके मुताबिक 15 साल के एक दलित लड़के की कथित तौर पर मुंबई में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है.
ख़बर के मुताबिक 15 साल के स्वपनील सोनवने को दूसरी जाति की एक लड़की के परिवार वालों ने पीटा था जिससे उसका प्रेम संबंध था.
नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने कहा है, "लड़के के माता-पिता ने उसकी मौत के लिए लड़की के परिवार को ज़िम्मेदार ठहराया है. लड़की के माता-पिता, उसके दो भाई, भाई के दोस्त और एक रिक्शाचालक को गिरफ्तार किया गया है."
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने कहा है कि भारत प्रशासित कश्मीर को ज़्यादा स्वायत्ता देेना ही कश्मीर समस्या का हल है.
हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार में पी चिदंबरम ने लिखा- ”हमने कश्मीर के मुद्दे पर 1947 में भारत से जुड़ने की शर्तों को दरकिनार किया. हमने अपने वादे तोड़े, भरोसा तोड़ा और 40 साल तक हमने इसकी कीमत चुकाई.”
उन्होंने कहा है कि 1947 में भारत से जुड़ने की शर्तों के मुताबिक संविधान के दायरे में रहते हुए कश्मीरियों को अपने कानून खुद बनाने देना चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि पिछले साल विरोध के कारण चर्चा में रहे पुणे के फ़िल्म एंड टेलीवीज़न इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया (एफ़टीआईआई) ने दाख़िले के समय छात्रों की ओर से एक शपथ पत्र देना अनिवार्य किया है. इसके मुताबिक छात्र कैम्पस में शिष्टाचार का पालन करेंगे और फ़ैकल्टी सदस्यों का अपमान भी नहीं करेंगे.
संस्थान के वरिष्ठ छात्रों का कहना है कि ये पहली बार है जब छात्रों से ये शपथ पत्र लिया जा रहा है.
एफ़टीआईआई के चेरयमैन गजेन्द्र चौहान के विरोध में पिछले साल छात्रों ने कई महीनों तक हड़ताल की थी.
द पायोनियर ने लिखा है नेश्नल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के मुताबिक पुरानी डीज़ल गाड़ियों को दिल्ली-एनसीआर से बाहर बेचने के लिए नो ओब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट नहीं दिया जाएगा.
हिंदुस्तान टाइम्स ने लिखा है कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए ट्रांसजेंडर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ़ राइट्स) बिल 2016 को मंज़ूरी दे दी गई है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक ट्रांसजेंडर को जल्द ही तीसरे लिंग के तौर पर मान्यता मिल सकती है और नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के फ़ायदे मिल सकते हैं.
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