बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पिछले हफ़्ते एक कैफ़े पर हुए चरमपंथी हमले में शामिल एक हमलावर के पिता का कहना है कि वो ये जानकर स्तब्ध हैं कि उनका बेटा हमले में शामिल था.
हमलावर के पिता इम्तियाज़ ख़ान अवामी लीग के ढाका चैप्टर के नेता हैं और बांग्लादेश ओलंपिक समिति में उप महासचिव हैं. उन्होंने बीबीसी को बताया, "मैं ये जानकर सन्न हूँ…शर्मिंदा हूँ."
शुक्रवार को ढाका के सुरक्षित माने जाने वाले गुलशन इलाक़े के एक क़ैफे पर हुए हमले में 20 बंधकों की मौत हो गई थी. इनमें 17 विदेशी नागरिक थे. क़रीब 12 घंटे तक चले बंधक संकट के दौरान दो पुलिस अधिकारी और छह हमलावर भी मारे गए. एक संदिग्ध को गिरफ़्तार किया गया था.
इस हमले में 30 लोग घायल हो गए थे. कमांडो कार्रवाई के बाद 13 बंधकों को छुड़ा लिया गया था.
( ‘हमलावर आईएस के नहीं, स्थानीय चरमपंथी थे’ )
इम्तियाज़ ने कहा, "मेरा बेटा किशोरावस्था से पाँच बार नमाज पढ़ा करता था. मेरे घर से मस्जिद सिर्फ़ 25 फीट दूर है. उसने अपने दादा के साथ नमाज पढ़ना शुरू किया था. लेकिन हमने कभी इसकी कल्पना नहीं की थी. घर पर कुछ नहीं था, कोई किताब या कुछ ऐसा जिससे पता चले कि वो इस तरफ़ जा रहा था."
उन्होंने कहा, "इस घटना के अचानक होने से मैं अवाक रह गया हूँ. मैं बेहद शर्मिंदा हूँ और मुझे ख़ासा खेद है."
रोहन पिछले साल दिसंबर में अपने घर से गायब हो गया था.
ख़ान कहते हैं, "मेरा बेटा पिछले साथ 30 दिसंबर से लापता था. मैं अपनी पत्नी को उपचार के लिए 25 दिसंबर को भारत ले गया था. 30 दिसंबर को मेरे बच्चों को उनकी आंटी के यहां डिनर के लिए जाना था. रोहन वहां नहीं गया, सिर्फ़ मेरी बेटियां गईं. लेकिन जब वो लौटे तो मेरा बेटा घर पर नहीं था. गार्ड ने बताया कि वो शाम को एक बैग लेकर बाहर गया था."
ख़ान ने कहा, "मैंने बहुत कोशिश की- बहुत-बहुत! वो मेरे इकलौता बेटा है और पिता होने के नाते मैं उसे ढूँढने के लिए जो कुछ कर सकता था, मैंने किया. मैं गृह मंत्री से एक नहीं, चार बार मिला. उन्होंने भी भरसक मदद की, लेकिन उसे नहीं ढूंढ सके."
ख़ान बताते हैं, ”जब मैं अपने बेटे को ढूँढ रहा था, मैंने पाया कि कई और लड़के भी लापता हैं. ये सभी लड़के पढ़े-लिखे और संपन्न परिवारों से थे. पेशेवरों, सरकारी अधिकारियों के बच्चे. मैं अपना दुख उनके साथ बाँटा करता था.”
उन्होंने कहा, ”हम नहीं जानते कि ये कैसे हो रहा है. मैं सिर्फ़ एक ही चीज के बारे में सोच सकता हूँ और वो है इंटरनेट.”
बांग्लादेशी अधिकारियों ने इस हमले में पाँच लोगों की पहचान की है और कहा है कि वे स्थानीय प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन से जुड़े थे.
बांग्लादेश के गृह मंत्री गृह मंत्री असदुज़्ज़मान ख़ान ने रविवार को कहा कि हमला करने वाले एक स्थानीय चरमपंथी समूह से जुड़े थे जिस पर एक दशक से ज़्यादा वक़्त से पाबंदी लगी है.
उन्होंने कहा, "वो जमीअतुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के सदस्य हैं. उनका इस्लामिक स्टेट से कोई संबंध नहीं था."
गृह मंत्री ने ये भी कहा कि हमलावरों ने कोई मांग नहीं रखी थी. उन्होंने बताया कि हमलावरों में से तीन की उम्र 22 साल से कम थी और वो छह महीने से लापता थे.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)