लाहौर के एक पार्क में रविवार को हुए धमाके में मरने वालों की संख्या 70 हो गई है जिनमें 22 बच्चे थे. कई औरतों की भी मौत हुई है.
ये घटना ईस्टर के मौके पर हुई जब भीड़-भाड़ वाले एक पार्क में कई परिवार जमा थे.
पाकिस्तान तालेबान से अलग हुए एक गुट जमात-उल-अहरार ने हमले की ज़िम्मेदारी ली है और कहा है कि ‘जान-बूझकर ईसाई समुदाय को निशाना बनाया गया.’
पाकिस्तान में तीन दिन के शोक की घोषणा की गई है और प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने अपना ब्रिटेन दौरा स्थगित कर दिया है.
कैथोलिक ईसाइयों के मुख्यालय वैटिकन ने इस हमले की निंदा की है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है.
पाकिस्तान में पंजाब सरकार के स्वास्थ्य सलाहकार ने बताया है कि 280 लोगों को शेख़ ज़ैद और जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने लोगों से ख़ून देने की अपील की है.
धमाका गुलशन इक़बाल पार्क में गेट के पास हुआ.शहर के बीचोंबीच बसे इस पार्क में छुट्टी के दिन काफ़ी भीड़ होती है.
पुलिस के अनुसार इस आत्मघाती धमाके में अंदाज़न 7-10 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया.
एक चश्मदीद ने बताया कि धमाके के बाद अफ़रातफ़री और भगदड़ मच गई. जिसमें बहुत से बच्चे जान बचाने की कोशिश में भागते हुए अपने मां बाप से अलग गए.
स्थानीय नागरिक हसन इमरान ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि वो पार्क में टहलने गए थे, "जब धमाका हुआ तो वहां के पेड़ों से ज़्यादा ऊंची ऊंची लपटें उठीं और मुझे हवा में उछले शरीर दिखाई पड़े."
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