गर्मी में बॉडी डिहाइड्रेशन तो आम बात है, लेकिन ठंड में भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है. डॉक्टरों का मानना है कि सर्दी के सीजन में पानी कम पीने की आदत और सांस लेने-छोड़ने के दौरान मुंह से निकलने वाला भाप शरीर में पानी के स्तर को कम कर देता है, जिससे लोग डिहाइड्रेशन के शिकार हो जाते हैं. ठंड के मौसम ने अपनी दस्तक दे दी है और लोग पानी पीने से बचने लगे हैं.
ऐसे में उनकी परेशानी बढ़ सकती है. उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि ठंड के मौसम में भी डिहाइड्रेशन होता है. सर्दी में ज्यादा बार पेशाब आता है, ऐसे में खासकर बुजुर्ग लोग रात के वक्त पानी पीने से बचना चाहते हैं ताकि उन्हें बार-बार बिस्तर से उठना न पड़े. घर में ऐसे बच्चों और बुजुर्गो का खास ख्याल रखने की जरूरत है. उन्हें थोड़े समय के अंतराल पर पानी देते रहना चाहिए. अगर बंद कमरे में हीटर या ब्लोअर चला रहे हैं तो एक बाल्टी पानी जरूर रखें.
शरीर में न हो पानी की कमी
रॉकलैंड अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर एमपी शर्मा के अनुसार, सर्दी के मौसम में लोग तरल पदार्थ कम लेते हैं, खासकर रात में लोग पानी बहुत ही कम पीते हैं. न केवल बुजुर्ग बल्कि युवा भी ठंड के मौसम में पानी कम पीते हैं. ऊपर से इस मौसम में पेशाब भी ज्यादा आता है और इसकी वजह से भी शरीर में पानी की कमी होती है. सांस के दौरान मुंह से निकलने वाला भाप भी फेफड़े में पानी की कमी कर देता है. कई लोग ठंड में हीटर और ब्लोअर सेंकते हैं और लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से भी डिहाइड्रेशन हो सकता है. डॉक्टर शर्मा ने कहा कि ठंडे इलाकों में लोग डिहाइड्रेशन की वजह से शॉक में चले जाते हैं, लेकिन अपने देश में ऐसी स्थिति नहीं होती है.