नयी दिल्ली/दुबई : असहिष्णुता पर छिडी बहस को ‘‘बनावटी’ कहने वाली अपनी बात को सही ठहराते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारत में जमीनी स्तर पर असहिष्णुता का कोई संकेत नहीं है. संयुक्त अरब अमीरात की दो दिवसीय यात्रा पर रविवार को यहां पहुंचे जेटली ने कहा, ‘‘जमीनी स्तर पर मैं भारत में जन सदभाव का माहौल देखता हूं. इसीलिए शुरुआत में मैंने इस बहस को बनावटी करार दिया था.’
जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब लोग देश को एक खराब नाम देने की कोशिश करते हैं तो यह एक मुद्दा बन जाता है और ऐसे में हम सभी भारतीयों पर यह दायित्व आ जाता है कि हम इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दें. लेकिन जमीनी स्तर पर असहिष्णुता का कोई संकेत नहीं है.’ प्रबुद्ध वर्ग के कम से कम 75 सदस्य ‘बढती असहिष्णुता’ के चलते राष्ट्रीय या साहित्यिक पुरस्कार लौटा चुके हैं. लेखकों, इतिहासकारों, फिल्मकारों और वैज्ञानिकों ने यह कदम उठाते हुए इस बात की आशंका जताई है कि देश का सुदृढ लोकतंत्र मौजूदा माहौल में संभवत: ‘‘टूट’ रहा है. जेटली ने इस विरोध को ‘‘बनावटी बगावत’ करार देते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि यह राजनीतिक रुप से प्रेरित है.
जेटली ने कहा ‘‘वे (भारतीय मूल के लोग) अपने नये देशों के अच्छे निवासी बन रहे हैं और भारत की वृद्धि से भी खुश हैं. भारतीयों की दृढता और स्पष्टता बढ रही है और यह बढती रहेगी.’ वित्त मंत्री ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत में नरमी से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ है क्योंकि इससे तेल कंपनियों को नुकसान समाहित करने और देश को मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में मदद मिली है.