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पाकिस्तानी मां को उम्मीद, भारत से वापस लौटेगा उसका बेटा

कराची : भारत में 2011 से वापस नहीं आए 15 वर्षीय पाकिस्तानी किशोर की मां को उम्मीद है कि वह जल्दी ही अपने बेटे से मिलेगी. दरअसल उसे सूचना मिली है कि भारत सरकार उसके बेटे के जुड़े मामले पर फिर से विचार कर रही है. कराची के औरंगी कस्बे में एक छोटी ही झोपडी […]

कराची : भारत में 2011 से वापस नहीं आए 15 वर्षीय पाकिस्तानी किशोर की मां को उम्मीद है कि वह जल्दी ही अपने बेटे से मिलेगी. दरअसल उसे सूचना मिली है कि भारत सरकार उसके बेटे के जुड़े मामले पर फिर से विचार कर रही है.

कराची के औरंगी कस्बे में एक छोटी ही झोपडी में रहने वाली रजिया बेगम ने बताया कि अंसार बर्नी ट्रस्ट के अंसार बर्नी ने उसे सूचित किया है कि भारत सरकार ने उनके बेटे का मामला फिर से खोला है और अंतत: उनका बेटा मोहम्मद रमजान वापस लौट आएगा.

रमजान के मामले की सिफारिश कर रहे बर्नी ने कहा कि उन्होंने संबंधित दस्तावेज इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को भेज दिए हैं. इनमें रमजान के दादा-दादी का पासपोर्ट भी शामिल है, जो दिखाता है कि वह रजिया बेगम का बेटा है.बर्नी ने बताया, ‘‘भारतीय अधिकारियों ने पहले इस मामले को बंद कर दिया था क्योंकि उसके (किशोर) पास कोई दस्तोवज नहीं था, लेकिन अब भारत सरकार मामले की फिर से समीक्षा कर रही है, जो कि सकारात्मक विकास है.’ बर्नी ने कहा कि रमजान की पहचान की संदेह से परे पुष्टि हो गयी है.

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सरकार को अब औपचारिक प्रक्रिया के तहत रजमान की वापसी के संबंध में आवेदन देना होगा. रजिया ने कहा, ‘‘मैं उसकी वापसी चाहती हूं क्योंकि वह मेरा खून है. 2008 में जब उसका पिता जबरन उसे बांग्लादेश ले गया तो मैंने उम्मीद छोड़ दी था, लेकिन सितंबर में इंटरनेट पर उसकी तस्वीरें देखकर उसे पहचाना. अब मैं स्काईप और फोन पर अकसर उससे बात करती हूं.’ रजिया का कहना है कि सात साल में पहली बार उसे जब सितंबर में अपने बेटे की आवाज सुनी तो उसके लिए वह किसी चमत्कार से कम नहीं था.

वह कहती है, ‘‘मैं बस रोती ही रही, और वह मुझे सांत्वना देने की कोशिश करता रहा.’ रजिया का कहना है, जिस तरह भोपाल में चाइल्ड लाइन चैरिटी रमजान की देखभाज कर रही है, उससे वह संतुष्ट है.

उसने कहा, ‘‘वह भी जितनी जल्दी संभव हो पाकिस्तान वापस लौटना चाहता है.’ उसने कहा, ‘‘मैं आशा करती हूं कि भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मेरी प्रार्थना और अपील जल्दी सुनेंगे और मुझे मेरे बेटे से मिलाने में मदद करेंगे.’ रमजान की कहानी हाल ही में घर वापस लौटी भारतीय मूक-बधिर लड़की गीता से बिल्कुल अलग है. गीता करीब 14 साल पहले गलती से पाकिस्तान की सीमा में चली गयी थी.

रजिया के अनुसार, उसे तलाक देने के बाद उसका पति अपनी दूसरी पत्नी के साथ बांग्लादेश चला गया और उसकी जानकारी के बगैर रमजान को भी साथ ले गया. उसका कहना है, ‘‘रमजान ने मुझे बताया कि उसके साथ बहुत दुर्व्यवहार होता था. इससे दुखी होकर वह भारत भाग आया, ताकि कराची वापस लौट सके.’ भारत में घूमते हुए पुलिस ने दो साल पहले रमजान को गिरफ्तार किया था. अब वह भोपाल के आश्रय गृह में रहता है जहां उसकी अच्छी देखभाल की जा रही है.

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